Sunday, October 6, 2024

तकनीक का उपयोग बढाएं, न हो कर चोरी, तलाशें राजस्व के नए स्रोत: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में चालू वित्तीय वर्ष में कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने लक्ष्य के सापेक्ष तेज प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने तकनीक का उपयोग बढ़ाने, कर चोरी रोकने और राजस्व के नए स्रोत तलाशने का भी निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और मंत्री, आबकारी एवं मद्य निषेध (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल भी उपस्थित रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने बारी-बारी से जीएसटी, वैट, आबकारी, स्टाम्प एवं पंजीयन, परिवहन, भू-राजस्व और ऊर्जा में राजस्व संग्रह के लक्ष्य और उसके सापेक्ष प्राप्तियों का विवरण प्राप्त किया। साथ ही विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

ये रहे मुख्यमंत्री द्वारा दिये गए प्रमुख दिशा-निर्देश
● नियोजित प्रयासों से प्रदेश के कर-करेत्तर राजस्व संग्रह में सतत वृद्धि हो रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही तक विविध माध्यमों से अब तक 92 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राजस्व प्राप्ति हुई है। इसमें जीएसटी, वैट से 52 हजार करोड़, एक्साइज टैक्स के रूप में 20 हजार करोड़, स्टाम्प एवं पंजीयन से 13 हजार करोड़ और परिवहन से 47 सौ करोड़ से अधिक का संग्रह हुआ है। यह स्थिति संतोषजनक कही जा सकती है। हर विभाग ने विगत वर्ष की पहली दो तिमाहियों के सापेक्ष अच्छा राजस्व संग्रहित किया है। यह जनता से एकत्रित राशि है जो प्रदेश के विकास में, लोककल्याणकारी कार्यों में व्यय होगा।

● उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। नियोजित प्रयासों से यहां मैन्युफैक्चरिंग की गतिविधियां भी बढ़ी हैं। प्रदेश को इसका लाभ मिलना चाहिए। राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए हमें नए स्रोत भी बनाने चाहिए। चालू वित्तीय वर्ष के लिए 2.62 लाख करोड़ के राजस्व संग्रह लक्ष्य के अनुरूप ठोस कोशिश की जाए।

● राजस्व की चोरी राष्ट्रीय क्षति है। जीएसटी की चोरी अथवा अपवंचन की कोशिशों को रोकने के लिए सजगता बढ़ाये जाने की जरूरत है। छापेमारी की कार्यवाही से पहले पुख्ता जानकारी इकठ्ठा करें। इंटेलिजेंस को और बेहतर करने की आवश्यकता है। इंफोर्समेंट के कार्यवाही की गोपनीयता और शुचिता से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को चिन्हित करें, उनके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

● विशेष अनुशासनिक इकाइयों और सचल दल इकाइयों की सक्रियता और बढ़ाये जाने की जरूरत है। यद्यपि हाल के समय में इनकी सजगता से कर चोरी, अपवंचन पर प्रभावी रोक लगाने में सफलता मिली है। फिर भी अभी कार्यशैली में व्यापक सुधार की जरूरत है। तकनीक का अधिकाधिक उपयोग करें।

● पर्व-त्योहार के माहौल में अवैध शराब बनाने व बेचने वालों के फिर सक्रिय होने की आशंका है। ऐसी गतिविधियों पर पूरी सख्ती की जाए। किसी भी जिले में ऐसी गतिविधि न हो। हर जिला-हर थाना की टीम एक्टिव मोड में इनकी निगरानी करे।

● खनन कार्य में संलग्न वाहनों में किसी भी दशा में ओवरलोडिंग न हो। यह नियमविरुद्ध भी है और दुर्घटनाओं का कारक भी बनता है। इस दिशा में सख्ती की जानी चाहिए।

● बालू, मोरम, गिट्टी जैसे उपखनिजों का आम आदमी से सीधा जुड़ाव है। इनकी कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी न हो। विभिन्न विकास परियोजनाएं भी इससे प्रभावित होती हैं। ऐसे में उपखनिजों का कृत्रिम अभाव पैदा करने वाले कालाबाजारियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए।

● इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक नीतिगत कदम उठाए गए हैं। जनजागरूकता बढ़ाते हुए स्कूल बसों, परिवहन निगम की बसों, नगर बसों आदि परिवहन के साधनों को ईवी के लिए प्रोत्साहित किया जाए। चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाये जाए के लिए प्रयास तेज हों। परिवहन निगम में अनुबंधित बसों की संख्या और बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,445FollowersFollow
115,034SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय