नोएडा। पुलिस प्रशासन द्वारा साइबर अपराध के खिलाफ चलाये जा रहे जागरूकता अभियान के बाद भी लोग बाग साइबर अपराधियों ने जाल में फंसकर अपना धन गंवा रहे हैं। साइबर अपराधियों ने एक युवती को घर बैठे पैसे कमाने का लालच देकर उससे लाखों रुपए की ठगी कर ली है। इसके अलावा वाट्सएप कॉल पर एक युवती ने बातों में उलझा कर एक युवक से इन्वेस्टमेंट के बहाने एक करोड़ 15 लाख रुपये की ठगी कर ली है। दोनों पीड़ितों की शिकायत पर घटना की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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थाना सेक्टर-126 के प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र बालियान ने बताया कि रितिका कपूर ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि वह जेपी कॉसमॉस सोसायटी सेक्टर-134 में रहती हैं। पीड़िता के अनुसार कुछ दिन पहले उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमेंघर बैठे काम करने की बात कही गई थी। पीड़िता के अनुसार आरोपियों ने उसे टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ा तथा टास्क पूरा करने के बाद पैसे बढ़ा कर देने का वादा किया। पीड़िता के अनुसार आरोपियों ने शुरुआती दौर में उसे कुछ फायदा पहुंचाया तथा धीरे-धीरे करके उससे 3,98,155 रूपए ले लिया।
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वहीं दूसरे मामले में वाट्सएप कॉल पर एक युवती ने बातों में उलझा कर एक युवक से इन्वेस्टमेंट के बहाने एक करोड़ 15 लाख रुपये की ठगी कर ली। साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि सेक्टर-18 में रहने वाले मयंक गुप्ता ने बताया कि वह कई क्षेत्रों में व्यापार करता है। उसके फोन पर रिशीता नाम की लड़की ने कॉल किया। वह खुद को फाइनेंस के क्षेत्र में सर्टिफाइड होना बताया और कम रुपये निवेश कर डबल मुनाफा कमाने के बारे में जानकारी दी। फिर मयंक को कैटलिस्ट ग्रुप स्टार, पी कैटरमार्केटस् के साथ जुड़कर निवेश करने की सलाह देने लगी।
युवती के बातों में आने के बाद शख्स ने उस फर्जी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया और बीती 31 जनवरी को एक लाख रुपये की निवेेश किया। जिसका 15 हजार 40 रुपये मुनाफा 1 फरवरी को दिया गया। पीड़ित को युवती पर विश्वास होने के बाद वह अगले दिन 9 लाख रुपये और निवेश किया। फिर सात फरवरी को 20 लाख रुपये, 14 फरवरी को दस लाख, 17 फरवरी को नौ लाख, 20 फरवरी को 16 लाख रुपये कर पीड़ित ने कुल 65 लाख रुपये ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिए। इसके अगले दिन जालसाजों ने कहा कि आपकी निवेश की रकम का एक करोड़ 68 लाख रुपये का मुनाफा हुआ है।
साथ में फर्जी पोर्टल पर दिखाया गया और बोले की इस रकम को जल्दी निकाल लो, पीड़ित ने रुपये निकालने की रुचि दिखाई तो बदले में 31 लाख 57 हजार 600 रुपये सरकारी टैक्स जमा करने की सलाह दी गई। पीड़ित ने 3 मार्च को जमा भी कर दिया। जिसकी रसीद भी पोर्टल के माध्यम दे गई। कुल मिलाकर अब तक पीड़ित ने एक करोड़ 15 लाख 13 हजार 600 रुपये जालसाजों को दे दिए थे।
वहीं 24 घंटे बीतने के बाद जब रुपये नहीं आए तो, पीड़ित ने उनसे संपर्क किया। ठगों ने सिक्योरिटी मनी के बहाने 40 लाख रुपये और मांगने लगे। तब जाकर पीड़ित को ठगी के बारे में जानकारी हुई। डीसीपी साइबर सुरक्षा प्रीति यादव ने बताया कि पुलिस जालसाजों के खातों के आधार पर जांच शुरू कर दी है। जल्द ही आरोपियों तक पुलिस पहुंच जायेगी।