शामली। पश्चिम बंगाल राज्य के संदेशखाली में हुए मानवता को शर्मसार करने वाली घटना को लेकर लोगों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके चलते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले कलेक्ट्रेट पहुंचे दर्जनो पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध प्रकट करते हुए प्रदर्शन किया। जिसके बाद उन्होंने देश के महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपते हुए संदेश खाली के अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
बता दें कि मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दर्जनों पदाधिकारी और कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहाँ उन्होंने संदेश खाली प्रकरण को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और देश के महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी रविंद्र कुमार को एक ज्ञापन सोपा। ज्ञापन में अवगत कराया गया है, कि पश्चिम बंगाल राज्य के संदेशखाली में महिलाओं के साथ यौन-शोषण, सामूहिक रूप से महिलाओं की अस्मिता का हनन और उनके परिवारों पर अत्याचार किए जाने की घटना सामने आई है। जिसने मानवता को शर्मसार किया है। लेकिन इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद भी बंगाल की राज्य सरकार द्वारा अपराधियों पर कार्रवाई न करके उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है। जिसके चलते बंगाल के लोगों में भय का माहौल है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आरोप है कि पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा हिंदू घरों को निशाना बनाते हुए जबरन नाबालिक कन्याओं व महिलाओं को चिन्हित कर वह पूर्वक उनका अपहरण सत्ताधारी पार्टी के कार्यालय में लाकर अत्याचार व दुराचार किये जाने के मामले भी सामने आए हैं। और इतनी यातनाएं महिलाओं को ऐसे समय में दी जा रही है, जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री भी एवम महिला ही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मांग की है, कि राज्य सरकार की संलकता को ध्यान में रखते हुए संदेश खालि प्रकरण की जांच उचित एजेंसियों से कराई जाए और दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई की जाए।
संदेशखाली में महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचारों पर तत्काल अंकुश लगाया जाए। महिलाओं पर हुई हिंसा, दुराचार की घटनाओं को वास्तविकता से शासन प्रशासन एवं न्यायिक संस्थानों पर पहुंचाने हेतु हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए। न्याय के सुगमता हेतु निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान कराई जाए। मानसिक शोषण से उभरने के लिए महिलाओं को मनो चिकित्सक द्वारा परामर्श सत्रों किसी सुविधा भी प्रदान की जाए। संदेशखाली में भय मुक्त वातावरण बनाने के लिए केंद्रीय बलों की नियुक्ति की जाए। इसके अलावा संदेशखाली प्रकरण के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के जाने की मांग की गई है।