जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनकी पेपर लीक पर सख्त कानून बनाने की लंबे समय से मांग के बाद अब केन्द्र सरकार इस पर दस साल की सजा और एक करोड़ रुपए जुर्माने का कानून बना रही है।
गहलोत ने मंगलवार देर रात सोशल मीडिया के माध्यम से यह बात कही। उन्होंने कहा “हमारी लंबे समय से मांग थी कि भारत सरकार पेपर लीक पर सख्त कानून बनाए जिस पर अब संसद में बिल पेश हुआ है। देश में सबसे पहले हमने राजस्थान में पेपर लीक पर उम्रकैद और 10 करोड़ रुपए जुर्माने का कानून बनाया था। अब भारत सरकार 10 साल की सजा और एक करोड़ रुपए जुर्माने का कानून बना रही है।”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों को समन्वय स्थापित कर पेपर लीक के विरुद्ध कानून को सख्ती से लागू करना चाहिए जिससे युवाओं के साथ न्याय सुनिश्चित हो सके।
इससे पहले उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के माध्यम से समाज के हर पिछड़े तबके को उनका हक दिलवाना आवश्यक है। मोदी सरकार 2021 की समय-सीमा पूरे होने के तीन साल बाद भी सामान्य जनगणना तक नहीं कर सकी है। इसके पीछे की वजह केन्द्र सरकार को बतानी चाहिए।
गहलोत ने कहा कि हर तबके के साथ न्याय सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान में हमारी सरकार ने सामाजिक, आर्थिक और जातिगत सर्वेक्षण का फैसला किया था। देशभर में सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना करवाना कांग्रेस नेता राहुल गांधी एवं इंडिया गठबंधन का कमिटमेंट है।