उत्तर प्रदेश । जालौन जिले के कोंच कस्बे से ताल्लुक रखने वाले अश्वनी शुक्ला ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 423वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। खास बात यह रही कि अश्वनी ने यह सफलता अपने पहले ही प्रयास में पाई।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला, 28 पर्यटकों की मौत, गृह मंत्री श्रीनगर पहुंचे
अश्वनी एक साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता गिरीश चंद्र शुक्ला टीवी रिपेयरिंग का काम करते हैं और मां शशि शुक्ला गृहिणी हैं। संसाधनों की कमी कभी भी अश्वनी के हौसले को नहीं डिगा सकी। उन्होंने बचपन से ही कुछ अलग करने का सपना देखा था।
बजरिया के होनहार हस्सान खान ने यूपीएससी में पाई 643 वीं रैंक, जिले का नाम किया रोशन
एनडीए से लौटे, यूपीएसएसी में चमके2019 में अश्वनी का चयन एनडीए में हुआ था, लेकिन आंखों की रोशनी कम होने के कारण उन्हें आगे नहीं बढ़ाया गया। इस झटके के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और सिविल सेवा की राह पकड़ी। दिल्ली यूनिवर्सिटी से भूगोल विषय में स्नातक करने के बाद अश्वनी ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की।
थानों में पुलिस पोस्टिंग में भेदभाव के आंकड़े जारी किये तो सरकार ने वेबसाइट ही कर दी बंद: अखिलेश
बहनों ने निभाई खास भूमिकाअश्वनी की सफलता में उनकी बहनों का योगदान भी अहम रहा। बड़ी बहन पर्णिका हमेशा पढ़ाई में मदद करती रहीं, वहीं छोटी बहन श्रुति ने हर पल उनका हौसला बढ़ाया।
पहलगाम हमले के विरोध में जम्मू-कश्मीर बंद का आह्वान, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा- सभी लोग हों शामिल
घर में जश्न का माहौलजैसे ही चयन की खबर आई, मोहल्ले में मिठाइयां बांटी गईं और बधाईयों का सिलसिला शुरू हो गया। पिता गिरीश शुक्ला ने कहा, “मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरा बेटा अफसर बनेगा, लेकिन उसने मेहनत और संकल्प से यह कर दिखाया।” मां शशि शुक्ला ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बेटे ने परिवार का सपना साकार कर दिया। अश्वनी की यह सफलता उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ा सपना देखते हैं।