Monday, May 5, 2025

लोनी में कलश यात्रा विवाद के बाद गुर्जर समाज का ऐलान – 13 अप्रैल को करेंगे प्रधानमंत्री आवास का घेराव

गाजियाबाद। राष्ट्रीय गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी रविंदर सिंह गुर्जर ने 13 अप्रैल 2025 को एक विशाल आंदोलन की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के समर्थन में देशभर से गुर्जर समाज के लाखों लोग दिल्ली कूच करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे। यदि मुलाकात संभव नहीं हो सकी तो यह जनसमूह प्रधानमंत्री आवास के समक्ष शांतिपूर्वक धरना देगा।

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यह विवाद 20 मार्च 2025 को गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में राम कथा मंगल कलश यात्रा के दौरान पुलिस और विधायक समर्थकों के बीच हुई नोकझोंक से शुरू हुआ था। आरोप है कि कलश यात्रा को पुलिस प्रशासन ने रोकने की कोशिश की, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस पर विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने प्रशासन पर हिंदू आस्था के अपमान और उनके समर्थकों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया।

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इस घटना के बाद पूरे गुर्जर समाज में आक्रोश फैल गया, और इसे सनातन धर्म पर हमला बताया गया। अब यह मामला सामाजिक के साथ-साथ राजनीतिक रूप भी लेता जा रहा है।

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राष्ट्रीय गुर्जर महासभा के अध्यक्ष चौधरी रविंदर सिंह गुर्जर ने कहा कि “नंदकिशोर गुर्जर हमारे समाज के एक सम्मानित नेता हैं। उनके साथ हुआ अन्याय सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे समाज और सनातन धर्म की भावनाओं पर आघात है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल को देश के विभिन्न हिस्सों से करीब 20 लाख गुर्जर और सनातनी समाज के लोग दिल्ली पहुंचेंगे। यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा, लेकिन सरकार को समाज की एकता और ताकत का संदेश देगा।

इस आंदोलन को लेकर यूपी के कई जिलों – गाजियाबाद, सहारनपुर, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, नोएडा आदि में जबरदस्त तैयारियां की जा रही हैं।

राष्ट्रीय वीर गुर्जर सेना के अध्यक्ष सोनू गुर्जर ने कहा कि सहारनपुर का समस्त गुर्जर समाज नंदकिशोर गुर्जर के साथ है। हम हिंदू धर्म और अपने नेताओं के सम्मान के लिए एकजुट हैं।”

बागपत के लीलू प्रमुख और भगोट के काशी प्रधान ने भी विधायक के समर्थन में बयान देते हुए कहा कि कलश यात्रा एक धार्मिक आयोजन थी, न कि कोई राजनीतिक रैली या प्रदर्शन। इस पर रोक लगाने का कोई औचित्य नहीं था।

 

लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक हैं। पार्टी ने उन्हें पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ऐसे में यह आंदोलन बीजेपी के लिए भी एक राजनीतिक दबाव बन सकता है, खासकर जब आंदोलन का उद्देश्य प्रधानमंत्री आवास तक अपनी आवाज पहुंचाना है।

 

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