बहराइच। मुम्बई के चर्चित बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में लारेंस विश्नोई गैंग का मुख्य शूटर शिव कुमार को उसके चार साथियों के साथ यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है।
मुख्य आरोपित ने स्वीकारा है कि बाबा सिद्दकी की हत्या के एवज में उसे दस लाख रुपये मिलेंगे। हर माह कुछ न कुछ मिलता रहेगा। हत्या के लिए शस्त्र, मोबाइल, सिम, शुभम एवं यासीन ने उपलब्ध कराया था। हत्या के बाद बात करने के लिए शूटरों को अलग-अलग सिम दिया गया था।
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पूछताछ में शिवकुमार ने स्वीकारा कि वो और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं। पूना में कबाड़ का काम करता था। मेरी और शुभम की दुकान आमने—सामने थी। शुभल लारेंस विश्नोई के लिए काम करता है। उसने मेरी बात स्नैप चैट से लारेंस के भाई अनमोल से करायी थी। इस दौरान उससे कहा गया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के एवज में उसे दस लाख रुपये मिलेंगे। हर माह कुछ न कुछ मिलेगा।
हत्या के लिए शस्त्र, मोबाइल, सिम, शुभम एवं यासीन ने उपलब्ध करायी थी। हत्या के बाद बात करने के लिए शूटरों को अलग-अलग सिम दिया गया था। पिछले कई दिनों से हम बाबा सिद्दीकी की रेकी कर रहे थे। 12 अक्टूबर की रात सही मौका मिलने पर उनकी हत्या कर दी। मौके पर दो लोग पकड़ लिए गये और मैं फरार हो गया था। फोन रास्ते में फेंक दिया। यहां से पहले मैं पूना गया। पूना से झांसी आया था। झांसी से लखनऊ आ गया। ट्रेन में सफर के दौरान एक यात्री के मोबाइल से अनुराग कश्यप से बात की थी। इस दौरान उसने बताया कि अखिलेंद्र, ज्ञान प्रकाश व आकाश ने तुम्हे छिपाने के लिए नेपाल में इंतजाम कर लिया है। इसलिए मैं बहराइच आया और अपने दोस्तों के साथ नेपाल भाग रहा था, तभी पकड़ लिया गया।
एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि पकड़ा गया अपराधी शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा, जो मुख्य शूटर है। इसके अलावा उसके साथी अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेंद्र प्रताप सिंह है। ये तीनों मुख्य शूटर के मददगार है। अनुराग शूटर धर्मराज का भाई है।
उल्लेखनीय है कि शूटरों ने मुम्बई सरकार में मंत्री और फिल्म अभिनेता सलमान खान के करीबी जियाउद्दीन अब्दुल रही सिद्दीकी उर्फ बाबा सिद्दीकी की हत्या उनके विधायक पुत्र जीशान सिद्दीकी के खेरनगर स्थित कार्यालय के बाहर 12 अक्टूबर की रात को गोली मारकर हत्या कर दी थी। गिरफ्तार शूटरों ने खुलासा कि बाबा सिद्दकी की हत्या जेल में बंद कुख्यात अपराधी लारेंस विश्वनोई के इशारे पर किया गया था।
महाराष्ट्र निवासी शुभम सोनकर व जालंधर निवासी मो. यासीन अख्तर इन शूटरों के हैंडलर्स थे, जिन्होंने लाजीस्टिक व मृतक की लोकेशन उपलब्ध करायी थी। अपराधियों को पकड़ने के लिए मुंबई पुलिस ने यूपी एसटीएफ की मदद मांगी थी। जांच के दौरान पाया गया कि शूटर बहराइच में छिपे हुए हैं। मुंबई की टीम लखनऊ आयी थी।
एसटीएफ के उपनिरीक्षक जावेद आलम सिद्दकी मुख्य आरक्षी अन्य टीमों को लगाया गया। एसटीएफ टीम ने आरोपितों को नानपारा थाना क्षेत्र के हाराबहसरी नहर पुलिया के पास से रविवार को गिरफ्तार किया है। शूटरों को मुम्बई पुलिस अपने साथ ले गई है।