गाजियाबाद। एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के निदेशक मंडल के सदस्यों सहित पांच दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचा एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को देखने पहुंचा। बता दें कि भारत AIIB का संस्थापक सदस्य है और लगभग 10.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ इसका वित्त पोषण पोर्टफोलियो सबसे बड़ा है। कॉरिडोर की विजिट के दौरान प्रतिनिधिमंडल के साथ वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग (DEA) के अधिकारी और एनसीआरटीसी के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। कॉरिडोर को विजिट करने से पहले प्रतिनिधिमंडल दिल्ली स्थित गति शक्ति भवन पहुंचा, जहां एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने कॉर्पोरेट कार्यालय में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रतिनिधिमंडल को परियोजना का विस्तृत विवरण और एनसीआरटीसी द्वारा की किए गए अनूठे प्रयोग, परियोजना के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों आदि को शामिल करते हुए एक प्रजेंटेशन दिया गया। प्रतिनिधिमंडल ने साहिबाबाद से दुहाई आरआरटीएस स्टेशन तक नमो भारत ट्रेन में यात्रा की। यात्रा के दौरान अधिकारियोंं ने नमो भारत ट्रेनों की यात्री-केंद्रित सुविधाओ को परखा और अनुभव किया। उन्होंने यात्रियों की विविध आवश्यकताओं और सुविधा पर विस्तृत ध्यान देने के लिए एनसीआरटीसी की तारीफ भी की। अधिकारियों ने विशेष रूप से महिलाओं की ट्रेन ऑपरेटर और स्टेशन नियंत्रण अधिकारी आदि जैसी विभिन्न भूमिकाओं को सराहा और एनसीआरटीसी के महिला-नेतृत्व में विकास की प्रशंसा की।
इस्तेमाल की गई तकनीक को भी सराहा नमो भारत ट्रेन की यात्रा के दौरान, इस परियोजना के लिए अपनाई जा रही कई अभूतपूर्व तकनीकों का प्रदर्शन भी किया गया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने इस परिवर्तनकारी गतिशीलता समाधान के लिए एलटीई बैकबोन पर ईटीसीएस-2 सिग्नलिंग जैसी नवीनतम तकनीकों के सफल कार्यान्वयन सहित इन अभिनव तकनीकों को अपनाने के लिए एनसीआरटीसी टीम की सराहना की। बता दें कि AIIB दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए प्राथमिक वित्तीय साझेदारों में से एक है, जिसने एशियाई विकास बैंक (ADB) के माध्यम से 500 मिलियन अमरीकी डालर का ऋण दिया है।