लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लगा दिया है। सोमवार को जारी उम्मीदवारों की सूची में तेज प्रताप यादव को सपा ने कन्नौज से प्रत्याशी बनाया है। बलिया से सनातन पांडेय को टिकट दिया गया है। तेज प्रताप यादव सपा मुखिया के भतीजे हैं। उनकी शादी 2015 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की छोटी बेटी राजलक्ष्मी के साथ हुई है।
उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) किस प्रत्याशी को टिकट देगी इस पर लगातार सस्पेंस बना हुआ था, जोकि सोमवार को खत्म हो गया है। कहा जा रहा था कि इस सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। सपा ने तेज प्रताप यादव को टिकट दिया गया है। वहीं, बलिया सीट से सनातन पांडेय को चुनावी अखाड़े में उतारा गया है।
कन्नौज सीट से सपा ने अपने परिवार के सदस्य पर ही भरोसा जताया है। तेज प्रताप यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के भ्रातृ पौत्र हैं। साथ ही अखिलेश यादव उनके चाचा हैं। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीट से अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव चुनाव हार गई थीं और बीजेपी के सुब्रत पाठक ने जीत हासिल की थी। इस बार भी बीजेपी ने पाठक को ही टिकट दिया है। तेज प्रताप के मैदान में उतरने से लड़ाई और दिलचस्प हो गई है।
वहीं, बलिया लोकसभा सीट से सपा ने सनातन पांडे पर भाग्य आजमाया है। वह मूल रूप से बलिया के ही रहने वाले हैं। सनातन पांडे मिर्जापुर से डिप्लोमा की पढ़ाई करने के बाद गन्ना विभाग में इंजिनियर बने और वर्ष 1996 में नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा। 2002 में चिलकहर विधानसभा से निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वॉइन कर ली और वो फिर 2007 में बलिया के चीलकहर विधानसभा से समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़कर विधायक बने। परिसीमन के बाद चिलकहर विधानसभा का अस्तित्व समाप्त हो गया।
2012 में सपा ने सनातन पांडे को बलिया के रसड़ा विधानसभा से उम्मीदवार बनाया, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा। हालांकि हार के बावजूद समाजवादी पार्टी ने उन्हें दर्जा प्राप्त मन्त्री का पद दिया। 2017 में सपा ने एक बार फिर उन्हें रसड़ा से प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस बार सनातन पांडे को दोबारा हार का सामना करना पड़ा। इस बार सनातन पांडे तीसरे स्थान पर रहे। दो-दो बार चुनाव हारने के बावजूद सनातन पांडे का कद सपा में कम नहीं हुआ और 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने इन्हें बलिया लोकसभा से प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस लोकसभा चुनाव में भी सनातन पांडे बीजेपी प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह मस्त से करीब पंद्रह हजार मतों के मामूली अंतर से हार गए।