लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) का 19वां दीक्षांत समारोह रविवार को संपन्न हुआ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कलश में जलधारा अर्पण कर जल संरक्षण के संदेश के साथ दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने चिकित्सा विश्वविद्यालय में कुल 1869 उपाधियों का वितरण किया, जिसमें स्नातक स्तर पर 1388, स्नातकोत्तर स्तर पर 471 तथा शोध के लिए 10 शोधार्थी विद्यार्थियों ने उपाधि प्राप्त की। समारोह में 39 विद्यार्थियों को 70 पदकों का वितरण कुलाधिपति ने किया।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि भारत सहित विश्व के कई देशों में नई बीमारियों शोध करने की जरूरत है। राज्यपाल ने कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट, बच्चों में टोमेटो फीवर, निमोनिया, ह्यूमेन मेटान्यूमो वायरस आदि की चर्चा करते हुए कहा कि इन पर शोध की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय के एलुमिनाई पद्मश्री डॉक्टर बलराम भार्गव व पद्मश्री डॉ. रविकांत की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी उपलब्धियों से विद्यार्थियों को प्रेरणा लेनी चाहिए।
राज्यपाल ने उपस्थित छात्र-छात्राओं से संविधान का पालन, उसके आदर्श, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान का सम्मान, स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शाें को हृदय में संजोना तथा भारत की संप्रभुता एकता और अखंडता की रक्षा करने व उसे अक्षुण्ण रखने को कहा।
राज्यपाल ने उपाधि व पदक प्राप्ति में छात्राओं की संख्या ज्यादा होने पर उनके माता-पिता व विश्वविद्यालय के शिक्षकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि महिलाओं का जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ना देश की उन्नति और समाज के उच्च नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के चिकित्सा छात्र-छात्राएं भारत सहित पूरी दुनिया में अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल ने मुख्य अतिथि व विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सचिव, प्रो. अभय करंदीकर व रोबोटिक सर्जरी एवं रिसर्च विज्ञान, वटीकुटी यूरोलॉजी संस्थान हेनर्स फोर्ट अस्पताल, अमेरिका के निदेशक प्रो. महेन्द्र भंडारी को मानद उपाधि प्रदान की गई।
राज्यपाल ने चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा संचालित रेडियो गूंज की गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसके माध्यम से स्थानीय समुदायों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी सरल तरीके से उपलब्ध कराई जाती है जिसके सुखद परिणाम देखने को मिले हैं। लोगों में स्वास्थ्य की प्रति जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि देश की बड़ी आबादी हेतु स्वास्थ्य संबंधी जरूरत को पूरा करने के लिए सक्षम चिकित्सा और पैरामेडिकल स्टाफ की बहुत अधिक संख्या में जरूरत है।
राज्यपाल ने चिकित्सा विश्वविद्यालय को हॉलिस्टिक वैलनेस तथा ओवरऑल फिटनेस के क्षेत्र में कार्य करने हेतु कहा। उन्होंने आचार्य चरक को आयुर्वेद विशेषज्ञ और त्वचा चिकित्सक बताते हुए कहा कि भारत का आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति, मानव स्वास्थ्य के लिए आज भी उपयोगी है।इस अवसर पर मुख्य अतिथि विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि चिकित्सा जगत में चिकित्सा के मूल्यों को बरकरार रखें।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि व रोबोटिक सर्जरी एवं रिसर्च विज्ञान, वटि कुटी यूरोलॉजी संस्थान हेनर्स फोर्ट अस्पताल, अमेरिका के निदेशक प्रोफेसर महेंद्र भंडारी ने मानद उपाधि प्रदान किए जाने पर कुलाधिपति के प्रति कृतज्ञता जाहिर की । इस अवसर पर समारोह में स्थानीय अतिथिगण, जनप्रतिनिधि, कार्यपरिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अधिकारी एवं शिक्षकगण तथा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।