Thursday, April 17, 2025

मुज़फ्फरनगर में स्कूलों की मनमानी, आवारा पशु और जहरीली दवा पर फूटा गुस्सा, भाकियू अराजनैतिक ने सौंपा ज्ञापन

मुज़फ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के युवा ज़िला प्रभारी विनीत त्यागी ने किसानों और आम जनता से जुड़ी समस्याओं को लेकर ज़िला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक आठ सूत्रीय मांगपत्र सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को सौंपा।

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मांगपत्र में प्रमुख रूप से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्लाईवुड इंडस्ट्रीज़ की स्थापना का मुद्दा उठाया गया। विनीत त्यागी ने कहा कि क्षेत्र में निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस वसूल रहे हैं। एक बार बिल्डिंग चार्ज लेने के बाद भी हर साल दोबारा वही शुल्क वसूला जा रहा है, जिससे अभिभावक आर्थिक रूप से परेशान हैं।

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वहीं, संगठन ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्लाईवुड उद्योग को बढ़ावा देने की मांग की। उन्होंने बताया कि अब क्षेत्र के किसान पारंपरिक गन्ना खेती छोड़कर पोपलर की खेती कर रहे हैं, लेकिन इससे प्राप्त लकड़ी हरियाणा के यमुनानगर भेजी जा रही है। अगर स्थानीय स्तर पर प्लाईवुड इंडस्ट्रीज़ स्थापित हों, तो किसानों को अच्छी कीमत और क्षेत्र को रोजगार मिलेगा।

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प्रदर्शन के दौरान विनीत त्यागी ने आवारा गोवंश की समस्या भी उठाई। उन्होंने बताया कि इन पशुओं के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं और सरकार की गोशालाओं के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं है। उन्होंने किसानों को प्रतिदिन 10 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की मांग भी रखी, जिससे खेती प्रभावित न हो।

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चौथी मांग के तहत पुरबालियान में मिनी स्टेडियम के निर्माण की मांग की गई ताकि क्षेत्र के युवाओं को खेल के बेहतर अवसर मिल सकें। पांचवीं मांग में मुज़फ्फरनगर डीडीए द्वारा रजिस्ट्री के दौरान वसूले जा रहे आधा प्रतिशत टैक्स की जांच की मांग की गई। संगठन का आरोप है कि इस टैक्स से कोई विकास कार्य नहीं हो रहा जबकि खेती की ज़मीन पर अवैध कॉलोनियां बस रही हैं।

भाकियू ने गन्ना मिलों द्वारा बेचे जा रहे कीटनाशकों की गुणवत्ता और दाम पर भी सवाल उठाए। इसके अलावा जिले में सक्रिय झोलाछाप डॉक्टरों, अवैध पैथोलॉजी लैब्स और क्लीनिकों पर भी सख्त कार्रवाई की मांग की गई।

संगठन ने बताया कि यदि सरकार ने इन मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो किसान यूनियन बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होगी। प्रदर्शन में कई कार्यकर्ता और किसान शामिल हुए।

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