गाजियाबाद। मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता खंड पर रैपिडएक्स सेवा के परिचलान को मंजूरी दे दी है। पिछले सप्ताह रेल मंत्रालय ने आरआरटीएस रोलिंग स्टॉक को मंजूरी प्रदान की, जिसकी डिज़ाइन गति 180 किमी प्रति घंटा, जबकि परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटा है, जो रोलिंग स्टॉक की पूर्ण क्षमता है।
सीएमआरएस की मंजूरी के साथ आरआरटीएस का प्राथमिकता खंड देश की ऐसी पहली रेलवे प्रणाली बन गया है जिसे 160 किमी प्रति घंटा की अधिकतम परिचालन गति पर इसकी सम्पूर्ण लंबाई को तय करने के लिए परिचालन के लिए खोला जा रहा है। एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने मंगलवार को बताया कि पिछले एक वर्ष के दौरान, एक से अधिक स्वतंत्र सुरक्षा मूल्यांकनकर्ताओं ने इस अत्याधुनिक, विश्वस्तरीय, न्यू ऐज ट्रांज़िट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए एनसीआरटीसी द्वारा प्रयोग की जा रही प्रक्रियाओं की सख्ती से जांच की। इस प्रकार आरआरटीएस सिस्टम की गहन जांच में सफल होने के बाद ही इसे रेल मंत्रालय और सीएमआरएस से मंजूरी प्राप्त हुई है।
उन्होंने बताया कि एनसीआरटीसी परियोजना का निर्माण जून 2019 में आरंभ हुआ और इसके चार साल के भीतर ही एनसीआरटीसी रैपिडएक्स सेवाओं का कमर्शियल ऑपरेशन शुरू करने के लिए तैयार है। कोविड-19 का गंभीर प्रभाव भी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एनसीआरटीसी की टीम के संकल्प को प्रभावित नहीं कर सका। एनसीआरटीसी की टीम ने परियोजना के बाकी हिस्से में भी तेजी से प्रगति की है और जून 2025 में निर्धारित समयसीमा के भीतर मेरठ में मेट्रो सेवाओं के साथ-साथ पूर्ण कॉरिडोर को परिचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
परियोजना कार्यान्वयन की इस यात्रा के दौरान, एनसीआरटीसी की टीम ने असंख्य हितधारकों के साथ काम किया और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और जीएनसीटीडी राज्य सरकारों, एशियन डेवलपमेंट बैंक, एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक, न्यू डेवलपमेंट बैंक, गाजियाबाद और मेरठ जिलों के अधिकारियों से अमूल्य समर्थन हासिल किया।