नोएडा। दिल्ली-एनसीआर में लगातार हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। इसके चलते ग्रैप-4 को लागू कर दिया गया है। इसके बावजूद एयर क्वालिटी इंडेक्स में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
जिला प्रशासन ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए छह सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाए हैं। ये नोएडा के विभिन्न सेक्टरों में वायु प्रदूषण की निगरानी करेंगे। इनका काम नोएडा के 10 सर्किल के अधिकारियों के साथ मिलकर प्रदूषण नियंत्रण के लिए काम करना भी होगा।रोजाना का डेटा तैयार करना और जिला प्रशासन को इसकी जानकारी देनी होगी।
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक गाजियाबाद के लोनी में एक्यूआई 490 पहुंच गया है। जबकि ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में एक्यूआई 450 दर्ज किया गया है।
अगर गाजियाबाद के पूरे आकड़ों की बात की जाए तो एक्यूआई 407 और ग्रेटर नोएडा में आंकड़ा 412 दर्ज किया गया है। गाजियाबाद कॉलोनी इस समय सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाके में दर्ज किया जा रहा है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक के 200 से ऊपर जाने पर पाबंदियां शुरू हो जाती हैं। पाबंदियों का पहला चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक 201 से 300 तक है। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस की ओर से अपनी समयावधि पूरी कर चुके डीजल और पेट्रोल वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
पाबंदियों का दूसरा चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक 301 से 400 तक है। चिह्नित हॉट स्पाट पर प्रदूषण रोकने को अभियान चलाया जाएगा।
पाबंदियों का तीसरा चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 से 450 तक होगा। इस दौरान बीएस तीन मानकों वाले पेट्रोल और बीएस चार मानकों वाले डीजल चार पहिया वाहनों को प्रतिबंधित किया जाएगा।
वहीं पाबंदियों का चौथा चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से ऊपर तक होगा। इस दौरान उन्हीं वाहनों को छूट मिलेगी जो एनसीआर से बाहर के पंजीकृत वाहन हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रिक, सीएनजी या बीएस-6 मानक वाले हो को भी छूट मिलेगी।