Friday, July 5, 2024

जैसा हम अन्न खाते हैं वैसा ही हमारा मन भी होता है- कर्मवीर महाराज

गाजियाबाद। जैसा हम अन्न खाते हैं वैसा ही हमारा मन भी होता है इसलिए अन्न को औषधि के रूप में खाना चाहिए। अपने जीवन को शुद्ध और सात्विक बनाएं। आपको ज्ञान होना चाहिए कि योग क्या है योग से ही अध्यात्म की ओर हम जा सकते हैं। योग से ही मन शांत होता है और यदि मन शांत हो जाता है तो सारे संसार का वैभव और खुशियां हमारे पास होती है। योग करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। योग करने से हमारे शरीर के अंदर सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। यह बात चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ और क्रीड़ा भारती के संयुक्त तत्वावधान में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के खेल मैदान पर चल रहे सात दिवसीय योग शिविर के तीसरे दिन योग गुरु स्वामी कर्मवीर महाराज ने कही।

 

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शिविर के दौरान योग गुरु स्वामी कर्मवीर महाराज ने कहा कि सकारात्मकता हमारे जीवन को प्रभावित करती है। योग से सभी रोगों को समाप्त किया जा सकता है। योग सबसे पहले हमारे पेट को स्वस्थ करता है। घर में जो मसाले होते हैं वह सभी औषधि हैं ज्यादा मसाले खाने से स्वाद तो आता है लेकिन शरीर को और पेट को खराब करता है। पहले हम रसोई के अंदर रखे मसलों से ही अपना इलाज करते थे लेकिन अब हम सीधे डॉक्टर के पास जाते हैं। इस दौरान प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम भी रखा गया और योग करने आए लोगों ने स्वामी कर्मवीर महाराज से स्वास्थ्य संबंधी प्रश्न पूछे जवाब में उन्होंने लोगों को उत्तर भी दिए।

 

 

कार्यक्रम में सबसे पहले योग गुरु स्वामी कर्मवीर महाराज ने महायोग क्रिया, कपाल भांति, भुजंग आसन, पवन मुक्त आसन, मृदु भस्त्रिका, अनुलोम विलोम आदि प्राणायाम कराए। इस अवसर पर प्रोफेसर दिनेश कुमार, प्रोफेसर एके चौबे, प्रोफेसर गुलाब सिंह रुहल, डॉक्टर दुष्यंत चौहान क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रसाद महांकर, राजन कुमार, महानगर अध्यक्ष अश्वनी गुप्ता, मनीष कुमार, सत्यम, अमरपाल, नवज्योति आदि मौजूद रहे।

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