Friday, November 22, 2024

ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के लिए एएसआई की टीम पहुंची वाराणसी,शहर में हाई अलर्ट

वाराणसी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के आदेश पर सोमवार सुबह ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य स्थानों के वैज्ञाानिक सर्वे के लिए एएसआई की टीम कड़ी सुरक्षा के बीच मौके पर पहुंच चुकी है। ज्ञानवापी परिसर में पुरातत्व सर्वे को लेकर पूरे ज्ञानवापी परिक्षेत्र में गहमागहमी बढ़ गई है। शासन के निर्देश पर शहर में हाई अलर्ट घोषित है। फोर्स के साथ अफसर सुबह से ही ज्ञानवापी और आसपास की गलियों में गश्त कर रहे हैं।

हिन्दू पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी के अनुसार ज्ञानवापी में सर्वे होगा जो हम लोग के लिए अच्छा है। सर्वे सुबह 7 बजे शुरू होगा और कब तक चलेगा ये कह नहीं सकते। कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में पुरातत्व सर्वे को लेकर देर रात एएसआई के एडिशनल डिप्टी डायरेक्टर प्रो. आलोक त्रिपाठी ने पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन और जिलाधिकारी एस राजलिंगम सहित जिला प्रशासन के अफसरों संग बैठक की।

बैठक में तय हुआ कि पुरातत्व सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में एक समय में वादी व प्रतिवादी के साथ केवल एक-एक अधिवक्ता समेत 10 लोग मौजूद रहेंगे। इसके लिए रात में ही 20 लोगों के नाम से पास जारी भी हो गए। अधिकारियों ने बैठक में सर्वेक्षण की तैयारियों पर चर्चा की। सर्वे टीम ने सुरक्षा, संसाधन आदि कई बिंदुओं पर सहयोग मांगा। जिला प्रशासन ने सभी संसाधन उपलब्ध करा दिए हैं।

एएसआई के कहने पर पुलिस आयुक्त और डीएम ने रविवार की देर रात ही अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और हिंदू पक्ष के साथ अलग-अलग बैठक की। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने जिला जज के आदेश के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का हवाला देकर सर्वे की तिथि आगे बढ़ाने की मांग रखी है। साथ ही कहा कि सोमवार को सर्वे में शामिल नहीं होंगे और उसका बहिष्कार करेंगे।

गौरतलब हो कि जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बीते 21 जुलाई को आदेश दिया था कि ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से का एएसआई वैज्ञानिक जांच करे। साथ ही रिपोर्ट बनाकर चार अगस्त तक उपलब्ध कराए। बताए कि क्या मंदिर तोड़कर उसके ऊपर मस्जिद बनाई गई है।

एएसआई सर्वे में पुरानी इमारतों और खंडहरों के सर्वे के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और मॉडर्न टेक्नोलॉजी का प्रयोग होता है। इस तकनीक के जरिए सर्वे क्षेत्र के अतीत का गहराई से अध्ययन किया जाता है। वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन के अनुसार मस्जिद का सर्वे ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और मॉडर्न टेक्नोलॉजी से किया जा सकता है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय