Thursday, September 19, 2024

DM की डीपी लगाकर तहसीलदार से मांगे 50 हज़ार, दोबारा फिर मांगे तो हुआ शक, खुला ठगी का मामला

बदायूं – उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक मामला सामने आया है जिसमें व्हाट्सएप नंबर पर बदायूं की जिलाधिकारी श्रीमती निधि श्रीवास्तव की फोटो लगाकर साइबर ठगों ने सदर तहसीलदार से 50 हजार रुपये ठग लिए।


तहसीलदार सदर सुरेंद्र सिंह ने बताया है कि वे रविवार शाम कांवड़ यात्रा की ड्यूटी में लगे थे। इसी दौरान उनके सीयूजी नंबर पर डीएम निधि श्रीवास्तव का फोटो लगे व्हाट्एस नंबर से एक मैसेज आया। उस व्हाट्सएप नंबर पर डीएम निधि श्रीवास्तव का नाम भी लिखा था। उस नंबर से मैसेज किया गया था कि एक खाता नंबर भेज रहे हैं। उस पर तत्काल 50 हजार रुपये ट्रांसफर कर दें।

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मैसेज आने के करीब आधा घंटा बाद तहसीलदार सदर ने अपना मोबाइल देखा था। तब तक उनके सीयूजी नंबर पर एक और मैसेज आ गया कि अभी तक आपने रुपये ट्रांसफर नहीं किए। इससे तहसीलदार सदर हड़बड़ा गए। उन्होंने फोन कॉल अथवा उसे नंबर की जांच किए बगैर ही उस खाता नंबर पर 50 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके कुछ देर बाद उनके नंबर पर एक और मैसेज आया, जिसमें 50 हजार रुपये की फिर से मांग की गई।


जब यह मैसेज उन्होंने पढ़ा तो उनको कुछ शक हुआ और उन्होंने तत्काल ही डीएम निधि श्रीवास्तव को कॉल की और मैसेज भेजने के बारे में जानकारी की। यह सुनकर डीएम स्वयं भी हैरत में पड़ गई और उन्होंने साफ इनकार किया कि उन्होंने किसी को भी किसी भी प्रकार का कोई मैसेज नहीं किया है।डीएम श्रीमती निधि श्रीवास्तव से बात करने के बाद तहसीलदार को यह जानकारी हुई कि वह साइबर ठग के जाल में फंसकर ठगे जा चुके हैंl


तहसीलदार सदर सुरेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि जिस समय यह मैसेज आया था उस दौरान वह कांवड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था में लगे थे। बहुत शोर शराबा हो रहा था। उनका ध्यान कांवड़ियों की तरफ ज्यादा था। इससे वह व्हाट्सएप नंबर पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाए। जब उन्होंने मैसेज पढ़ा तो रुपये ट्रांसफर कर दिए। हालांकि जब बाद में दूसरा मैसेज आया तो उन्होंने डीएम को कॉल करके जानकारी की और फिर बाद में साइबर थाना पुलिस से शिकायत की। साइबर थाना पुलिस की छानबीन में पता चला है कि जिस व्हाट्सएप नंबर से तहसीलदार सदर के पास मैसेज आया था वह नंबर तो भारत का था, किंतु उस नंबर को श्रीलंका से ऑपरेट किया जा रहा था जबकि बैंक खाता बंगलुरू का है। साइबर पुलिस ने बैंक को ईमेल कर वह खाता फ्रीज करा दिया है साथ ही रुपए वापस करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।

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