चंडीगढ़। हरियाणा सरकार और प्रदेश के निजी अस्पतालों का प्रतिनिधित्व करने वाली इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बीच सोमवार को करीब चार घंटे तक चली बैठक में सहमति बन गई है। प्रदेश सरकार ने आयुष्मान-चिरायु योजना के तहत इलाज करने वाले सभी अस्पतालों के बकाया बिलों का भुगतान 31 मार्च तक कर देगी। सरकार के आश्वासन के बाद आईएमए ने सोमवार रात से इलाज न करने की कॉल को वापस ले लिया है।
मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर तथा अन्य अधिकारियों के साथ सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डा. महावीर जैन, महासचिव डा. धीरेंद्र सोनी, पूर्व प्रधान डा. अजय महाजन, आयुष्मान उपचार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा. सुरेश अरोड़ा ने बैठक की। बैठक में प्राइवेट अस्पतालों के संचालकों से कहा गया कि वे नौ मार्च तक जितने भी मरीजों का उपचार करेंगे, उन सभी के इलाज के बिलों का क्लेम करें। राज्य सरकार उनके पुराने और नये सभी बिलों का भुगतान हर हाल में 31 मार्च तक कर देगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि एक अप्रैल से आयुष्मान भारत-चिरायु योजना के तहत इलाज करने वाले प्राइवेट अस्पतालों के बिलों का भुगतान करने के लिए 2500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट की व्यवस्था कर ली जाएगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मार्च माह में राज्य सरकार का साल 2025-26 का वार्षिक बजट पेश करेंगे। इसी बजट में ढाई हजार करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था करने का भरोसा राज्य सरकार की ओर से आईएमए के प्रतिनिधिमंडल को दिलाया गया है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े राज्य के करीब 600 अस्पताल संचालकों के लगभग 400 करोड़ रुपये आयुष्मान भारत अथाॅरिटी हरियाणा के पास भुगतान के लिए लंबित थे। आइएमए ने भुगतान नहीं होने की स्थिति में हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी हुई थी। आज हुई बैठक में स्वास्थ्य सचिव सुधीर राजपाल समेत विभाग के समस्त उच्च अधिकारी इस बातचीत में शामिल हुए। डाॅक्टरों के भुगतान के लिए 1.20 लाख बिल लंबित बताए जा रहे हैं।
आइएमए के प्रदेश महासचिव डा. धीरेंद्र सोनी और डा. सुरेश अरोड़ा ने बताया कि सरकार ने बड़े ही सकारात्मक तरीके से बातचीत की है। डाॅक्टरों को भरोसा दिलाया गया कि आगे फंड बनाकर भविष्य में उनके भुगतान को विलंबित नहीं किया जाएगा। इसलिए आइएमए की बैठक में सरकार के इन सभी प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जिसमें हड़ताल पर जाने अथवा नहीं जाने का फैसला होगा। उन्होंने संकेत दिए कि जब सरकार सकारात्मक है तो फिर डाॅक्टर भी सकारात्मक ही होंगे।