मुजफ़्फरनगर। अरिहंत मेडिकल एजेंसी जिला परिषद से चोरी करने के आरोपियों की जमानत याचिकाएं अपर जिला जज 4 मुजफ्फरनगर के न्यायालय से खारिज हो गई।
29 मार्च 2024 की रात्रि अरिहंत मेडिकल स्टोर के स्वामी अजय जैन के द्वारा थाना सिविल लाइन मुजफ्फरनगर में तहरीर देकर बताया था कि उनकी अरिहन्त मेडिकल एजेंसी जिला परिषद मार्किट में स्थित है, जिसमें दवाईयों का थोक व्यापार करता है, उनकी दुकान में पिछले कई वर्षों से अचल गुप्ता पुत्र हरेन्द्र गुप्ता निवासी कृष्णापुरी नौकरी कर रहा है, उक्त अचल गुप्ता की नीयत शुरू से ही उनके साथ धोखाधड़ी की रही है। इसी नीयत से स्वयं को नाजायज लाभ कमाने के उद्देश से अपने दोस्त अनुराग पुत्र संतराम निवासी आवास विकास कालोनी, अक्सर उनकी दुकान पर बुलाया करता था तथा उसी के साथ खाना खाता था, उसी बहाने अचल गुप्ता अपने दोस्त अनुराग के साथ मिलकर उनकी दुकान से दवाईयां चोरी कर रहा है। 29 मार्च 2024 की सायं करीब 7.27 बजे शाम को उनकी दुकान से उक्त अचल गुप्ता व अनुराग चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़े गये।
उक्त चोरी की घटना दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरों पर कैद हो गयी है। उक्त दोनों अचल गुप्ता व अनुराग ने मिलकर उनकी दुकान से पिछले वर्षों में लगभग 15 लाख रूपये की चोरी कर ली है। उक्त अचल गुप्ता व अनुराग ने बताया कि चोरी की हुई दवाईयों सस्ते दामों में शर्मा मेडिकल स्टोर छपार में शुभम शर्मा को बेच देते हैं । उक्त शुभम शर्मा चोरी की हुई दवाईयों के बदले धनराशि अचल गुप्ता को नकद व आनलाईन करता था तथा अनुराग को भी नकद भुगतान करता था, उपरोक्त शुभम शर्मा को भी अच्छी तरह पता था कि जो दवाइयां अचल गुप्ता व अनुराग उसे बेच रहे हैं, अरिहंत मेडिकल दुकान से चोरी हुई दवाइयां है।
29 मार्च 2०24 को चोरी हुई दवाइयां सहित अचल गुप्ता व अनुराग को पकड़कर थाने लेकर आया है, साथ में बैग है, जिसमें चोरी करके दवाईयां लेकर जा रहे थे, बेग के अंदर दवाईयां है। थाना सिविल लाइन द्वारा मुकदमा दर्ज कर आरोपी अनुराग, अचल गुप्ता को गिरफ्तार कर चोरी की हुई कुछ दवाई बरामद की गई तथा दौरान विवेचना वशुपाल का भी चोरी में नाम प्रकाश में आया, जिसको भी गिरफ्तार कर पुलिस में उसके पास से चोरी की दवाइयां बरामद की तथा एक अभियुक्त शुभम शर्मा लगातार फरार चल रहा है
। उक्त मामले में तीनों आरोपी अचल गुप्ता, अनुराग, वशुपाल जिला कारागार में बंद थे। तीनों की जमानत याचिकायें न्यायालय अपर जिला जज कोर्ट नंबर 4 के पीठासीन अधिकारी अशोक कुमार ने दोनों पक्षो की दलील सुनने के उपरांत खारिज कर दी। न्यायाधीश अशोक कुमार अत्यंत ईमानदार छवि के अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। अरिहंत मेडिकल वादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमित कुमार जैन ने पैरवी की।