नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ( बीसीसीआई)के सचिव जय शाह ने केंद्रीय अनुबंधित भारतीय खिलाड़ियों से कहा है कि अगर वे देश के लिए खेलना चाहते हैं तो उन्हें घरेलू क्रिकेट में ख़ुद को “साबित” करना होगा और चेतावनी दी है कि भाग न लेने पर “गंभीर परिणाम” होंगे।
शाह ने इस सप्ताह की शुरुआत में खिलाड़ियों को लिखे एक पत्र में कहा कि घरेलू क्रिकेट की जगह पर आईपीएल को प्राथमिकता देने की “प्रवृत्ति” हमारे लिए “चिंता का कारण” थी।
क्रिकइंफो ने इस पत्र को पढ़ा है। साथ ही जय शाह ने यह भी लिखा है कि बोर्ड को आईपीएल की सफलता पर भी गर्व है। उन्होंने लिखा, ” कुछ खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट की जगह आईपीएल को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है। यह एक प्रवृत्ति बन कर उभरने लगी है और यही हमारे लिए चिंता का कारण है। हमने इस तरह की चीज़ों की अपेक्षा कभी नहीं की थी। घरेलू क्रिकेट हमेशा वह आधार रहा है, जिस पर भारतीय क्रिकेट खड़ा है। हमने कभी भी इस टूर्नामेंट को कम महत्व देने का प्रयास नहीं किया है।”
“इस बात को समझना बहुत ही आवश्यक है कि घरेलू क्रिकेट भारतीय क्रिकेट की रीढ़ है। यह लगातार कई सालों से भारतीय टीम को नई प्रतिभाएं देता रहा है। भारतीय क्रिकेट के लिए हमारा दृष्टिकोण शुरू से ही स्पष्ट रहा है – भारत के लिए खेलने के इच्छुक प्रत्येक क्रिकेटर को घरेलू क्रिकेट में ख़ुद को साबित करना होगा। घरेलू टूर्नामेंट में किसी भी खिलाड़ी के द्वारा किए गए प्रदर्शन को चयन प्रक्रिया में काफ़ी महत्व दिया जाता है। अगर कोई खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में भाग नहीं लेता है तो इसके गंभीर प्रभाव होंगे।”
शाह ने कहा कि “यह पत्र किसी भी खिलाड़ी आलोचना नहीं कर रहा है, बल्कि उन मूल्यों की याद दिलाता है जिन्होंने वर्षों से भारतीय क्रिकेट को दिशा दिखाई है। सामूहिक रूप से हम इस बात का ऐलान करते हैं कि हम कहीं से भी घरेलू क्रिकेट के महत्व को कम नहीं करना चाहते या फिर हम इसकी मूल संचरना को कमज़ोर नहीं करना चाहते। यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाने के लिए हमें एक साथ मिल कर काम करना होगा।”
हाल ही के दिनों में इशान किशन, श्रेयस अय्यर और दीपक चाहर जैसे खिलाड़ियों को लेकर काफ़ी चर्चा हो रही है, क्योंकि वह घरेलू क्रिकेट में हिस्सा नहीं ले रहे थे। बीसीसीआई के अनुबंध के अनुसार श्रेयस अय्यर ग्रेड बी में हैं, वहीं इशान किशन ग्रेड सी में हैं। पिछली बार जब बीसीसीआईने अनुबंधों का नवीनीकरण किया था तो चाहर का नाम उस लिस्ट से बाहर था।
किशन ने आख़िरी बार भारत के लिए नवंबर में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टी20 सीरीज़ में हिस्सा लिया था। फिर वह निजी कारणों से साल के अंत में दक्षिण अफ़्रीका दौरे से हट गए थे। इसके बाद उन्हें इंग्लैंड के ख़िलाफ़ चल रही टेस्ट सीरीज़ से बाहर कर दिया गया। यह कयास लगाए जा रहे थे कि किशन भारतीय टीम में वापसी करने से पहले रणजी ट्रॉफ़ी में हिस्सा लेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। कथित तौर पर वह हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या के साथ बड़ौदा में अभ्यास कर रहे थे।
दूसरी ओर श्रेयस अय्यर ने भी रणजी ट्रॉफ़ी में हिस्सा नहीं लिया है। पहले दो टेस्ट खेलने के बाद उन्हें भारत-इंग्लैंड सीरीज़ से बाहर कर दिया गया था। उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी के एक राउंड में हिस्सा लिया था लेकिन भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद वह घरेलू क्रिकेट से दूर हैं। फ़िट होने के बाद चाहर ने व्यक्तिगत कारणों से छुट्टी मांगी थी। हालांकि उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी में राजस्थान के आख़िरी मैच में भी हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने आख़िरी बार दिसंबर में प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेला था। हालांकि उन्होंने पिछले साल के अंत में 50 ओवर की विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी और 20 ओवर की सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में हिस्सा लिया था।