वाराणसी। 22 जनवरी को अयोध्या में जन्मस्थान पर बने भव्य मंदिर में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने के पहले रविवार को श्री काशी विश्वनाथ दरबार के गर्भगृह में भगवान राम के नाम का पीतल का थाल, 21 रजत बेल पत्र पावन ज्योर्तिलिंग पर पूरे श्रद्धाभाव से चढ़ाया गया। साथ ही माता जानकी के लिए साड़ी, चुनरी और मां अन्नपूर्णा का कुमकुम, मोती की मालाएं भी अर्पित की गई। यह सभी सामग्री अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती के संयोजन में बाबा विश्वनाथ को समर्पित की गई।
इसके बाद बाबा का षोडशोपचार विधि से पूजन किया गया और प्रार्थना की गई की श्री राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव निर्विघ्न संपन्न हो। इस महोत्सव के प्रमुख यजमान देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ है। देश की राजसत्ता भगवान राम के चरणों में उपस्थित होकर इस महोत्सव को आनन्दोल्लास मना रही है। इसमें किसी प्रकार की बाधा न आए इसलिए काशीपुराधिपति का पूजन कर राम काज के लिए यह सामग्री ले जाने का संकल्प लिया गया।
इसमें विशेष रूप से संस्कृत भाषा में रचित श्री राम के लिए जागरण गीत भी समर्पित किया गया। जो दो मिनट का है। प्रभु श्री राम बाल स्वरूप में अयोध्या में विराजमान हो रहे उनको प्रातः जागरण में ये लोरी सुनाई जाएगी। त्रेता युग में भगवान शिव स्वयं बालरूप राम के पास भेष बदलकर गये थें। और सभी बाधाओं का निवारण किया था। इस बात को ध्यान में रख कर पूजन अर्चन किया गया है।
इस दौरान प्रो.रामचन्द्र पांडेय, प्रो.गोप बन्धु मिश्र, प्रो दिनेश गर्ग, प्रो. रामनारायण द्विवेदी, प्रो.विनय पांडेय,पण्डित गोविन्द शर्मा,मंदिर के मुख्य कार्यकारी सुनील वर्मा भी मौजूद रहे।
गौरतलब हो कि बाबा को समर्पित सामग्री उपहार स्वरूप लेकर श्री काशी विद्वत् परिषद का अष्टमंडल 19 जनवरी को अयोध्या रवाना होगा। खास बात यह है कि अयोध्या में रामलला को जगाने के लिए काशी विद्वत परिषद ने संस्कृत में लोरी तैयार किया है। इसे बीएचयू की छात्राओं ने इसे स्वर दिया है। रामलला के प्रातः जागरण के लिए संस्कृत भारती के अध्यक्ष प्रो. गोपबन्धु मिश्र ने इस गीत को लिखा है।