नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को मीडिया को बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक प्रतिनिधिमंडल निर्वाचन आयोग से मिला। बीजेपी को ‘मतगणना में हिंसा’ की आशंका है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल नयी दिल्ली में चुनाव आयुक्तों से मुलाकात की और उनसे उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया जो चुनावी प्रक्रिया कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमने चुनाव आयोग से मांग की है कि काउंटिंग प्रक्रिया में लगे अधिकारियों को प्रक्रिया की पूरी जानकारियां दी जाएं। उनकी ट्रेनिंग अच्छे तरीके से की जाए। काउंटिंग प्रक्रिया से जुड़े छोटे से छोटे जो विषय हैं, उनको बड़े गंभीरता से लिया जाए। जिससे किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो। साथ ही काउंटिंग प्रक्रिया से जुड़े हर व्यक्ति की सुरक्षा को ध्यान में रखा जाए।
चुनाव आयोग से हमने मांग की है कि वोटों की गिनती सही हो। साथ ही इसमें किसी तरह की हिंसा न हो और राज्य सरकारों का दखल भी न रहे। इसके अलावा हमने उनसे कहा कि सिविल सोसायटी के कुछ लोग चुनाव प्रक्रिया पर गलतफहमी फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, उन पर पैनी नजर रखी जाए।
चुनाव आयोग को सौंपे गए एक पत्र में, भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में विपक्षी दल और कुछ प्रेरित नागरिक समाज समूह चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को कमजोर करने के लिए एक समन्वित प्रयास कर रहे हैं।
भाजपा ने पत्र में कहा कि ये सभी प्रयास हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों पर सीधा हमला हैं और सार्वजनिक व्यवस्था और चुनाव प्रणाली में विश्वास के लिए महत्वपूर्ण जोखिम उत्पन्न करते हैं।
पत्र में आगे कहा गया है कि 2014 और 2019 के आम चुनावों में देश के मतदाताओं ने अपने निर्णायक जनादेश में भाजपा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्ता सौंपी, जिसे विपक्ष बार-बार अपने निराधार आरोपों और कार्यों के माध्यम से चुनौती दे रहा है।
इसमें कहा गया कि लोगों के स्पष्ट जनादेश के बावजूद विपक्ष ने चुनाव प्रक्रिया को बदनाम करने के उद्देश्य से कई निराधार दावे किए हैं।
भाजपा ने चुनाव आयोग से मतगणना और परिणामों की घोषणा के दौरान चुनावी प्रक्रिया की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया, जिसमें हिंसा या अशांति के किसी भी कोशिश को विफल करने लिए निगरानी और सुरक्षा उपायों को बढ़ाना शामिल है।
भाजपा ने यह भी मांग किया कि मतगणना प्रक्रिया में शामिल प्रत्येक अधिकारी निर्धारित प्रक्रिया से पूरी तरह परिचित हो और ईसीआई मतगणना प्रोटोकॉल के साथ तत्परता से संलग्न हो ताकि उनमें कोई विचलन न हो।
उन्होंने चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने के व्यवस्थित प्रयासों का संज्ञान लेने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की।
बता दें कि इससे पहले इंडिया गठबंधन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की थी। विपक्षी नेताओं ने चार जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान सभी दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया था।