मुंबई। “कल हो ना हो”, “यस बॉस” जैसी फिल्मों और “शरारत” और “छोटी सरदारनी” जैसे टीवी शो में दिखाई दे चुकीं बॉलीवुड एक्ट्रेस डेलनाज ईरानी ने कंटेंट क्रिएशन, डिजिटल स्टोरीटेलिंग की पावर और वॉयस एक्टिंग के बारे में बात की। डेलनाज ने कहा, “यह कलाकारों और कंटेंट बनाने वाले समुदायों के लिए एक दिलचस्प फेज है। कई प्लेटफॉर्म और मनोरंजन प्रारूपों की बदौलत हर तरह के कंटेट के लिए जगह है।”
मुज़फ्फरनगर में बदमाशों ने ग्रामीण से 5 हज़ार की नकदी व मोबाइल लूटा, बेरहमी से पिटाई भी की
उन्होंने कहा, “अब हम कहानियों के लिए किसी एक माध्यम पर निर्भर नहीं हैं। फिल्में, थिएटर, टेलीविजन, वीडियो ओटीटी से ऑडियो सीरीज तक दर्शकों के लिए कई विकल्प हैं। यह कलाकारों और कंटेंट क्रिएटर्स के लिए भी एक तरह का बड़ा खेल का मैदान है।” फिल्मों, थिएटर और टीवी शो में काम करने के बाद एक्ट्रेस ने कहा कि वह वॉयस एक्टिंग के लिए भी तैयार हैं। पॉकेट एफएम जैसे कई प्लेटफॉर्म हैं, जो वॉयस ओवर कलाकारों के साथ-साथ लेखकों को भी अवसर प्रदान कर रहे हैं। हालांकि, मैंने लिखने के बारे में नहीं सोचा है, मेरी रुचि एक्टिंग में है, चाहे वह किसी भी माध्यम में हो। उन्होंने कहा कि वह नैरेशन (किस्सागोई) और वॉयस ओवर में भी रुचि रखती हैं।
मुज़फ्फरनगर में छात्रों के दो गुटों में मारपीट, बढ़ा तनाव, भाकियू ने मामला सुलझाने की शुरू की पहल
एक कलाकार के लिए आखिरकार कहानी कहने की कला ही मायने रखती है। डेलनाज के लिए कहानी सुनाना मनोरंजन से कहीं बढ़कर है। उन्होंने कहा, “एक अच्छी कहानी की शक्ति कुछ ऐसी है जो हमेशा के लिए अमर हो जाती है। चाहे वह किताब के माध्यम से हो, फिल्म के माध्यम से हो या फिर ऑडियो स्टोरीटेलिंग के माध्यम से हो। कहानियों में हमें अपने साथ ले जाने और हमें मंत्रमुग्ध करने की अविश्वसनीय क्षमता होती है।”
एक्ट्रेस ने कहा, “इस तरह के प्लेटफॉर्म इस बात का प्रमाण हैं कि कहानी सुनाने की कला किस तरह सबसे खूबसूरत तरीकों से विकसित होती रहती है।” डेलनाज इस बात पर आश्चर्यचकित हैं कि कैसे डिजिटल स्टोरीटेलिंग कहानियों से जुड़ने का एक नया तरीका है। उन्होंने बताया, “यह देखना दिलचस्प है कि कहानी सुनाना कितना सुलभ हो गया है। चाहे पॉडकास्ट हो, वेब सीरीज हो या ऑडियो ड्रामा, हर किसी के लिए कुछ न कुछ है। ऐसा लगता है कि कहानियों की दुनिया हमारे लिए खुल गई है, चाहे हम कहीं भी हों।”