दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा: स्वच्छ हवा नहीं दे सकते, तो एयर प्यूरीफायर पर GST कम करें
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा कि अगर आप स्वच्छ हवा नहीं दे सकते, तो जीएसटी तो कम कर दीजिये। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार के वकील को इस संबंध में निर्देश लेकर कोर्ट को सूचित करने का निर्देश दिया। इस मामले पर बुधवार काे दोपहर बाद फिर सुनवाई होगी।
याचिका वकील कपिल मदान ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण की खराब स्थिति को देखते हुए एयर प्यूरीफायर को सुविधा की वस्तु नहीं मानी जा सकती है। एयर प्यूरीफायर लोगों को स्वच्छ हवा देने में सहायक होता है, इसलिए इसे चिकित्सा उपकरण की श्रेणी में माना जाना चाहिए। ऐसे में एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी की दरें घटाई जानी चाहिए।
याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार के 2020 के नोटिफिकेशन के मुताबिक एयर प्यूरीफायर को चिकित्सा उपकरण की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि ये जानते हुए भी कि एयर प्यूरीफायर की भूमिका जान बचाने में कितनी जरूरी है, इस पर लगातार 18 फीसदी जीएसटी का अधिभार लगाना मनमाना और अन्यायपूर्ण है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करने की जरूरत है।
याचिका में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से नेशनल प्रोग्राम ऑन क्लाइमेट चेंज एंड ह्यूमन हेल्थ को लेकर जारी एडवाइजरी में एयर प्यूरीफायर को खराब और गंभीर श्रेणी के वायु गुणवत्ता की स्थिति में एक सुरक्षात्मक उपकरण बताया गया है। ऐसे में काफी खराब गुणवत्ता वाले हवा के लिए एयर प्यूरीफायर को चिकित्सा उपकरण मानते हुए इस पर जीएसटी घटाने की जरूरत है।
