कुलदीप सेंगर को हाईकोर्ट से मिली बेल, पीड़िता इंडिया गेट पर धरने पर बैठी, पुलिस पीड़िता को जबरन उठा कर ले गई
नई दिल्ली/उन्नाव। उन्नाव गैंगरेप मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने सेंगर की सजा को अपील पर सुनवाई पूरी होने तक सस्पेंड करते हुए उन्हें सशर्त जमानत दे दी है। इस फैसले के विरोध में मंगलवार शाम रेप पीड़िता, उसकी मां और सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना इंडिया गेट पर धरने पर बैठ गईं, जिन्हें आधी रात को दिल्ली पुलिस ने जबरन वहां से हटा दिया।
कोर्ट की 4 सख्त शर्तें
-
आरोपी को पीड़िता से कम से कम 5 किलोमीटर दूर रहना होगा।
-
हर सोमवार को संबंधित थाने में हाजिरी लगानी होगी।
-
अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा (देश छोड़कर नहीं जा सकते)।
-
किसी भी शर्त का उल्लंघन होने पर जमानत तत्काल रद्द कर दी जाएगी।
पीड़िता का दर्द: "अब सुसाइड कर लूँ क्या?"
हाईकोर्ट के फैसले से आहत पीड़िता ने अपनी सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पीड़िता ने कहा, "मेरे पिता को मार दिया गया, मेरा एक्सीडेंट कराया गया, पूरे परिवार को खत्म कर दिया गया। मैं मौत से लड़कर बाहर आई हूँ। अब रेपिस्ट को छोड़ दिया गया है, मेरा परिवार कैसे सुरक्षित रहेगा?" पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसके परिवार और पैरोकारों की सुरक्षा भी हटा ली गई है।
राजनीतिक साजिश का आरोप
एक्टिविस्ट योगिता भयाना ने इस रिहाई को उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी चुनावों से जोड़ते हुए 'सोची-समझी साजिश' करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर सवाल उठाया कि क्या चुनाव जीतने के लिए एक बलात्कारी को बाहर निकाला जा रहा है? उन्होंने कहा कि यह देश की बेटियों के विश्वास पर गहरा प्रहार है।
इंडिया गेट से हटाए जाने के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच काफी नोकझोंक हुई। महिला पुलिसकर्मी पीड़िता और उसकी मां को उठाकर अपने साथ ले गईं, जिसके बाद योगिता भयाना ने पुलिसिया कार्रवाई की कड़ी निंदा की है।
संबंधित खबरें
लेखक के बारे में
रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !
