मुजफ्फरनगर में गांधी कॉलोनी चोरी कांड का खुलासा, भांजी ने ही मुस्लिम दोस्त के साथ मिलकर लुटवा दिया मामा का घर
मुजफ्फरनगर। गांधी कॉलोनी स्थित एक प्रतिष्ठित कपड़ा व्यापारी के घर हुई लाखों की चोरी का खुलासा करते हुए नई मंडी पुलिस ने सनसनीखेज तथ्य उजागर किए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस पूरी वारदात की मास्टरमाइंड व्यापारी विकास ढींगरा की अपनी सगी भांजी मान्या मुखेजा ही निकली। मान्या ने अपने प्रेमी दानिश हसन के साथ मिलकर नए साल का जश्न मनाने और अपने कर्ज चुकाने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया।
पहली नाकाम कोशिश: 8 दिसंबर का वो अतिरिक्त ताला
मान्या अक्सर अपने मामा विकास ढींगरा के घर आती-जाती थी। उसने दीपावली के आसपास ही मामा की धन-संपत्ति की रेकी कर ली थी। उसे पता था कि जेवरात कहाँ रखे हैं और घर के डिजिटल गेट का कोड क्या है। 8 दिसंबर को मामा का परिवार पंजाब में एक शोक सभा में गया था। मान्या ने दानिश को भेजा, रिमोट से गेट भी खुल गया, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। गेट के अंदर एक अतिरिक्त 'मैनुअल लॉक' लगा था, जिसे दानिश तोड़ नहीं पाया और उसे खाली हाथ लौटना पड़ा।

11 दिसंबर: फोन पर लाइव 'गाइड' करती रही भांजी
चोरी की दूसरी और सफल कोशिश 11 दिसंबर को हुई। मान्या को पता चला कि मामा परिवार सहित एक शादी समारोह में जा रहे हैं। उसने तुरंत जानसठ रोड पर एक शादी में मौजूद दानिश को सिग्नल दिया। दानिश गांधी कॉलोनी पहुँचा और घर की घंटी बजाकर सुनिश्चित किया कि सब बाहर जा चुके हैं। जैसे ही वह अंदर घुसा, मान्या फोन पर उसके साथ 'लाइव' जुड़ गई। वह फोन पर बताती रही— "मामा के कमरे की उस अलमारी में जाओ... दराज के पीछे देखो..."। दानिश एक-एक कर सोने की अंगूठियां, चेन और कड़े समेटता रहा।
अचानक सामने आया भांजा और 'मिर्ची स्प्रे' का ड्रामा
चोरी के दौरान ही अचानक विकास ढींगरा का बेटा वंश दूसरे कमरे में आ गया। दानिश सहम गया, लेकिन वह भागने के लिए तैयार था। जैसे ही दोनों का सामना हुआ, दानिश ने अपनी जेब से मिर्ची स्प्रे निकाला और वंश की आंखों में झोंक दिया। जब तक वंश कुछ समझ पाता, दानिश लाखों के जेवरात और कीमती सामान लेकर चंपत हो चुका था।
ऐयाशी और गिरफ्तारी: 10 दिन का 'किंग साइज' जीवन
वारदात के बाद दोनों ने कुछ सोना मुजफ्फरनगर के ही एक जौहरी को करीब 3.34 लाख रुपये में बेच दिया। इन पैसों से उन्होंने तुरंत एक महंगा iPhone और 22 हजार की घड़ी खरीदी। मान्या ने अपना पुराना कर्ज चुकाया और बाकी पैसे घूमने-फिरने और ऐयाशी में उड़ा दिए। उन्हें लगा कि उन्होंने मुकम्मल अपराध किया है, लेकिन नई मंडी पुलिस की पैनी नजर और मुखबिर तंत्र ने उनकी लोकेशन ट्रेस कर ली। 22 दिसंबर को जब दोनों पचेंडा रोड पर किसी काम से निकले, तो पुलिस ने उन्हें घेराबंदी कर दबोच लिया।
अंतिम पड़ाव: जेल की सलाखें
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि पुलिस ने उनके पास से न केवल जेवरात बरामद किए, बल्कि वह वायरलेस रिमोट भी बरामद कर लिया जिससे घर का गेट खोला गया था। जिस भांजी को मामा ने गोद में खिलाया था, आज वही उनके खिलाफ गवाही और जेल की राह पर है।
