पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग तेज, राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
लखनऊ/मुजफ्फरनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित किए जाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस लंबे समय से लंबित मांग पर गंभीरता से विचार करने का अनुरोध किया है।
राज्य मंत्री ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश जनसंख्या और भौगोलिक विस्तार की दृष्टि से अत्यंत बड़ा क्षेत्र है। वर्तमान में इस क्षेत्र के नागरिकों को न्याय प्राप्ति के लिए प्रयागराज स्थित इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य पीठ तक लगभग 800 से 1000 किलोमीटर की लंबी और खर्चीली यात्रा करनी पड़ती है। इससे आम नागरिकों, वादकारियों और अधिवक्ताओं को भारी आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, बिजनौर, शामली, बागपत, आगरा सहित आसपास के जिलों के लोगों के लिए हाईकोर्ट की एक खंडपीठ की स्थापना बेहद आवश्यक है। यदि क्षेत्र में बेंच स्थापित होती है तो लगभग 22 जनपदों के नागरिकों को सस्ता, सुलभ और त्वरित न्याय मिल सकेगा, साथ ही प्रयागराज मुख्य पीठ पर मामलों का बोझ भी कम होगा।
कपिल देव अग्रवाल ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि न्याय एवं जनहित को ध्यान में रखते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच स्थापना हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। उन्होंने विश्वास जताया कि इस ऐतिहासिक निर्णय से क्षेत्र की जनता को बड़ी राहत मिलेगी और न्याय व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी।
पत्र के सामने आने के बाद अधिवक्ताओं, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों में एक बार फिर उम्मीद जगी है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को शीघ्र ही हाईकोर्ट बेंच की सौगात मिल सकती है।
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