Wednesday, April 16, 2025

बंगला नववर्ष: पश्चिम बंगाल में भाजपा ने एक विशाल रैली का किया आयोजन, दिलीप घोष समेत कई नेता हुए शामिल

कोलकाता। बंगला नववर्ष के अवसर पर पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक विशाल रैली का आयोजन किया। यह रैली उत्तर कोलकाता के हिंद सिनेमा से शुरू हुई। कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष, सांसद समिक भट्टाचार्य, राहुल सिन्हा, जगन्नाथ चट्टोपाध्याय सहित अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए।

 

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भाजपा का कहना है कि बंगाल अपनी समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है और इस नववर्ष के माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक जागृति का उद्घोष कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक संदेश दिया। उन्होंने इसे ‘बांग्ला दिवस’ बताया और राज्य में भाईचारे और एकता की प्रार्थना की। उन्होंने कहा, “मैं बांग्ला में गाती हूं, ‘बांग्ला दिवस’ की सभी को शुभकामनाएं। हमारे छोटे भाइयों-बहनों को ढेर सारा प्यार। राज्य की सांस्कृतिक परंपरा और आगे बढ़े और लोगों के बीच भाईचारा और मजबूत हो।”

 

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वहीं, पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने बंगाली नए साल ‘पोइला बोइशाख’ के मौके पर सभी को शुभकामनाएं दीं और एकता की अपील की। उन्होंने अपने संदेश में लिखा, “नववर्ष की शुभकामनाएं! बैशाख की गर्मी आत्मा को शुद्ध करे। सुधार की भावना बनाए रखने के लिए मैं एकता की अपील करता हूं। अन्याय के खिलाफ लड़ाई में अंत में सच की ही जीत होगी। सभी को पोइला बोइशाख की शुभकामनाएं। मैं मां भवतारिणी से सभी की भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं।” बता दें कि बंगाली नववर्ष को बंगला नबो-बार्शो के नाम से भी जाना जाता है। यह बंगाली कैलेंडर का पहला दिन है। इसे नए साल के दिन के रूप में मनाया जाता है।

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इसे बैशाख पर मनाया जाता है, जो सामान्यतः 14 या 15 अप्रैल को होता है। इस साल यह 15 अप्रैल को मनाया जा रहा है। आमतौर पर, पोइला बैसाख 2025 खुशी और एक नई शुरुआत का समय होता है। घर सुंदर ढंग से सजाए जाते हैं, नए कपड़े पहने जाते हैं, बाजारों में रौनक रहती है, और परिवार मिलकर दावतें करते हैं। इस दिन की शुरुआत अक्सर मंदिरों में पूजा-अर्चना से होती है, जहां लोग आने वाले साल के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। व्यापारियों के लिए, यह नए काम शुरू करने और नए खाते खोलने का समय होता है, जो तरक्की और नएपन का प्रतीक है। किसान इस दिन को नई फसल के मौसम की शुरुआत मानते हैं।

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