लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा खरीददारों के प्रति सकारात्मक रुख और अंसल ग्रुप के प्रति तल्ख तेवर ‘पाताल से भी खोज निकालेगे’ का खासा असर हो रहा है। इसके बाद एक तरह से यूपी पुलिस को कार्रवाई की छूट मिल गई है। परिणाम यह रहा कि बीते पांच दिनों के भीतर अंसल के विरूद्ध लखनऊ के थाना सुशांत गोल्फ सिटी में चौदह एफआईआर एवं थाना हजरतगंज में चार एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।
अंसल ग्रुप के संबंध में अलीगंज सेक्टर-एच निवासी पुष्पलता बाजपेई ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सकारात्मक टिप्पणी से उनकी आशा जग गयी है। उन्हें विश्वास है कि 14 वर्षो के बाद अब उन्हें उनके प्लाट पर कब्जा मिलेगा। वर्ष 2011 में उन्होंने तेरह लाख इक्कीस हजार रूपये प्लाट के लिए अंसल ग्रुप को जमा करायी थी। सुशांत गोल्फ सिटी थाने में एफआईआर दर्ज कराने वाले ओमैक्स सिटी निवासी कैलाश चंद्र ने कहा कि अंसल ग्रुप के एजेंट ने
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उनसे सम्पर्क किया था। उन्होंने बारी बारी से प्लाट की धनराशि दी थी। प्लाट के पूरे रूपये देने के बाद भी उनके हाथ प्लाट नहीं आया और ना ही कोई कागज ही आ सका। मुख्यमंत्री की टिप्पणी के बाद अब उन्हें धनराशि वापस मिलने की उम्मीद जगी है।
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उधर समूचे घटनाक्रम में अंसल ग्रुप का नाम एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में गूंजने लगा है। तीन वर्षो पहले अंसल ग्रुप की जांच कर रहे ईडी के अधिकारियों के हटने के बाद मामले की फाइल दब गयी थी। अभी फिर से ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के एक अधिकारी मामले की फाइल को बाहर निकाल कर जांच में जुट गये हैं।