जयपुर। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजस्थान में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। टिकट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस सचिव रामपाल चौधरी ने बसपा का दामन थाम लिया है। दूसरी ओर रविवार को मुख्यमंत्री गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा सचिन पायलट से मिले।
राजस्थान में कांग्रेस की पहली सूची में 33 प्रत्याशियों के नाम हैं। भाजपा की तुलना में कांग्रेस की सूची छोटी है और इसमें 32 पुराने चेहरों को फिर से मैदान में उतारा गया है। पुराने चेहरों को रिपीट करने का मकसद यह है कि पार्टी में किसी तरीके की कोई बगावत न हो। पार्टी का यह प्रयास काफी हद तक कामयाब भी रहा है, लेकिन टिकट न मिलने से कुछ नाराजगी सामने आई है। यही कारण है कि सांगानेर से टिकट मांग रहे प्रदेश कांग्रेस सचिव रामलाल चौधरी ने टिकट न मिलने की सूरत में बसपा का दामन थाम लिया। ऐसे में अब उनके बसपा से चुनाव लड़ने की संभावना बढ़ गई है।
दूसरी तरफ, सचिन पायलट के धुर विरोधी और सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा टिकट के लिए सचिन पायलट से उनके घर जाकर मुलाकात की। कल तक लोकेश शर्मा को सचिन पायलट के धुर विरोधी के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन आज हालात एकदम से बदल गए हैं। राजस्थान में 2020 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों का लोकेश शर्मा ने खुले तौर पर विरोध किया था। साथ ही पायलट के खिलाफ सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल रखा था, लेकिन चुनावी समर में गेंद फिलहाल पायलट के पक्ष है। इसलिए शर्मा टिकट के लिए अपने विरोधी के दर पर जा पहुंचे। लोकेश शर्मा भी विधानसभा चुनाव में अपने लिए टिकट चाहते हैं और वो बीकानेर पश्चिम या फिर भीलवाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। पायलट अगर उनके नाम के लिए इनकार कर देते हैं तो ऐसे में लोकेश शर्मा का टिकट मुश्किल हो जाएगा।
यही कारण है कि पायलट के मान-मनौव्वल के लिए रविवार को लोकेश शर्मा उनके निवास पहुंचे और उनसे मुलाकात कर अपनी बातें रखी। लोकेश शर्मा आज भी 2020 के बगावत के समय फोन टैपिंग मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर मुकदमे को झेल रहे हैं।