शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में मंदिर की दुकानों को लेकर एक बार फिर साधुओ और व्यापारियों के बीच विवाद होने का मामला सामने आया है। जहाँ मंदिर की दुकानों को लेकर करीब एक माहपूर्व हुए विवाद के बाद एक दुकानदार ने सिविल कोर्ट से स्टेट ऑर्डर लेकर अपनी दुकान खोली थी। जिसके चलते साधु संतों व उनके शिष्यों ने व्यापारी की दुकान में जबरन कब्जा करने का प्रयास किया। वही सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जहां गुस्साए व्यापारियों ने जमकर हंगामा किया। वही इस दौरान पुलिस के सामने ही साधुओं व उनके शिष्यों द्वारा व्यापारियों के साथ मारपीट की है। जिसकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है। वहीं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने मामले को शांत करवाते हुए कोर्ट से कोई अगला आदेश आने तक यथा स्थिति बनाकर रखे जाने का निर्णय लिया गया है।
मुज़फ़्फ़रनगर में परीक्षा देकर वापस लौट रहे छात्र के साथ दबंग युवकों ने की मारपीट
आपको बता दे पूरा मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के गांधी चौक स्थित कुटी मंदिर की दुकानों का है। जहाँ पिछले काफी समय से साधुओं और व्यापारियों के बीच दुकानों पर मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा है। मंगलवार को यह विवाद उस वक्त और गहरा गया। ज़ब एक व्यापारी ने न्यायालय से स्टेट ऑर्डर लेकर अपनी दुकान को खोल ली। जिसकी सूचना मिलते ही कई साधु संत अपने शिष्यों के साथ बाजार में पहुंचे और व्यापारी की दुकान में घुसकर जबरन कब्जे का प्रयास किया। जहाँ उक्त मामले को देख व्यापारियों में आक्रोश बढ़ गया और देखते ही देखते हजारों की संख्या में व्यापारियों की भीड़ मौके पर पहुंच गई और साधु संतों पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन के अधिकारी व भाजपा नेता विवेक प्रेमी ने व्यापारियों को समझा बूझकर मामला शांत करवाया और दोनों पक्षों को सीओ सिटी के कार्यालय पर बुलाया गया। जहां पुलिस प्रशासन के अधिकारी साधुओं और व्यापारियों की सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोर्ट के स्टेट ऑर्डर के प्रभावी रहने तक यथा स्थिति बनाकर रखी जाए। जहां उक्त निर्णय के बाद दोनों पक्ष वापस लौट आए। वहीं व्यापारियों का कहना है कि सन 1995 में उन्होंने मंदिर से दुकान का बेनामा लिया था। लेकिन अब साधु व पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर दुकानों का किरायानामा करने का दबाव बना रहे हैं। जबकि व्यापारियों ने बेनामा हुआ है। लेकिन कोर्ट से स्टेट ऑर्डर होने के बावजूद भी अब यह लोग यहां आकर व्यापारी व उनके परिवार के लोगों के साथ मारपीट कर रहे है।
मुज़फ्फरनगर में डुंडी घाट पर पुल बनवाने के प्रयासों मे जुटे जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल
वही फिलहाल सदर एसडीएम सीओ सिटी ने मामले की निपटारा किए जाने की बात कही है। एसडीएम सदर का कहना है कि कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। दुकान को लेकर विवाद शांत कर लिया गया है और बाबाओ को मौके से हटा दिया है। कोर्ट से अगला आदेश आने तक यथा स्थिति बनाकर रखी जाएगी। वहीं उक्त मामले की एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें पुलिस प्रशासन के सामने ही बाबा अपने शिष्यों के साथ व्यापारियों के साथ मारपीट करते नजर आ रहे हैं।
मुज़फ्फरनगर में शांति समिति की बैठक में फैसला- जुमे की नमाज दोपहर ढाई बजे पढ़ने को तैयार है मुस्लिम !
वहीं उक्त मामले में 04 व्यापारियों ने कोर्ट से दुकानों का स्टेट ऑर्डर लिया हुआ है। जिसमें अनिल जैन, अनिल गुप्ता, संजीव अग्रवाल और राजीव तायल है। जहाँ राजीव तायल दुकानदार का कहना है कि बाबा शेरनाथ ने सीनियर डिवीजन केराना न्यायालय में दुकान का बैनामा रद्द किए जाने का मुकदमा डाला था। जिसे इस कोर्ट ने खारिज करते हुए दुकानदार के पक्ष में स्टेट आर्डर दिया था। जो आज तक चलता आ रहा है। इसके अलावा दुकानदार द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट से भी दुकान का एक स्टेट लिया गया है। लेकिन उसके बावजूद भी साधु संत दुकानों पर मालिकाना हक जता रहे हैं और उन पर दुकानों का किरायानामा करने का दबाव भी बना रहे हैं। जबकि उक्त व्यापारी पिछले कहीं वर्षों से इन दुकानों से ही अपने परिवार का भरण पोषण करते चले आ रहे हैं। अगर उनसे इन दुकानों को छीन लिया गया तो व्यापारियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।
भाजपा नेता विवेक प्रेमी का कहना है कि कुछ दिनों से व्यापारियों व कुछ लोगों के बीच मंदिर की दुकानों विवाह चल रहा है। व्यापारियों द्वारा यह बताया गया हमारे पास बैनामा है । उसके बावजूद भी वे लोग नहीं माने। जिसके चलते उक्त व्यापारी न्यायालय गया और दुकान पर स्टेट आर्डर लेकर आया और प्रतिदिन की तरह आज दुकान खोल कर बैठा हुआ था। तभी कुछ लोग आए और उन्होंने व्यापारी व व्यापारी की पत्नी व बेटी के साथ अभद्रता की गई। जिसके बाद मैं भी वहां पहुंचा था। इसके अलावा एसडीम , सीओ सिटी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद मौके पर पहुंचे कब्जा धारी को वहां से पुलिस द्वारा हटाया गया। जहाँ निर्णय लिया गया है कि दुकानों के संबंध में कोर्ट से अंतिम आदेश आने तक यथा स्थिति बनाकर रखी जाएगी।