मेरठ/मुजफ्फरनगर। 30 साल पुराने भ्रष्टाचार के एक मामले में कोर्ट ने अधिशासी अभियंता को दोषमुक्त करार दिया है। न्यायालय अपर जिला जज (विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) ने अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम मुजफ्फरनगर एनसी अग्रवाल को साक्ष्य के अभाव में भ्रष्टाचार के आरोप से दोषमुक्त करार दिया। घटना 30 साल पहले की है। विशेष सचिव उर्जा अनुभाग उप्र शासन वीके सिंह के निर्देश पर थाना सिविल लाइन मेरठ में तत्कालीन अधिशासी अभियंता के विरुद्ध केस पंजीकृत किया गया था। इसकी जांच परिषदीय सतर्कता इकाई की ओर से की गई।
जांच रिपोर्ट 12 फरवरी 2004 को जांच निरीक्षक को दी गई। इसमें आरोप लगाया गया कि साकेत मेरठ में भवन का निर्माण आरोपी द्वारा काले कारनामे से की गई कमाई से कराया गया। न्यायालय में आरोपी पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र पाल सिरोही ने बताया कि इस शिकायत में कोई भी पुख्ता साक्ष्य नहीं था। आरोपी पक्ष की ओर से कुछ और तथ्य रखे गए। इनके आधार पर आरोपी को दोषमुक्त करार दिया गया।