प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आर्य समाज मंदिर कृष्णा नगर प्रयागराज को घर से भागे जोड़े की परिवार की अनापत्ति लिए बगैर शादी करने से रोक दिया है। कोर्ट ने कहा कि पवित्र धार्मिक स्थल का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों से पैसा कमाने का स्थान बना दिया गया है। नाबालिग जोड़े को सुरक्षा का प्रलोभन देकर अवैध विवाह कराया जा रहा है।
कोर्ट ने सर्व देशिक आर्य प्रतिनिधि सभा हनुमान सड़क नई दिल्ली के अध्यक्ष को सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइंस व इस कोर्ट के सुझावों पर अमल कर बाल विवाह पर रोक लगाने का आदेश दिया है और अध्यक्ष को 08 हफ्ते में गाइड लाइंस तैयार कर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने थाना कोखराज, कौशाम्बी के पप्पू की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।
कोर्ट ने कहा कि आर्य समाज की स्थापना करने वाले स्वामी दयानंद सरस्वती बाल विवाह के विरोधी थे और उन्हीं के आर्य समाज मंदिर में नाबालिग जोड़े की अवैध शादी कराई जा रही है। यह गुरू की सीख के खिलाफ है। कोर्ट ने कहा कि आर्य समाज मंदिर कृष्णा नगर के पुजारी ने 15 साल की नाबालिग लड़की को बालिग करार देकर शादी करा दी। कोर्ट ने कहा कि समय आ गया है कि आर्य समाज धोखाधड़ी न करे।
कोर्ट ने कहा है कि घर से भाग कर शादी के लिए आने वाले जोड़े के दस्तावेजों का सत्यापन कराये। ऐसा न कर आर्य समाज मंदिर घर से भागे जोड़े की अवैध शादी कराने का स्थान बना दिया गया है। जिससे संस्था का सम्मान गिर रहा है। कोर्ट ने आर्य समाज के लिए कुछ सुझाव दिए हैं जिन पर अमल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जोड़े के दस्तावेजों का सत्यापन करायें। जांच में संदेह होने पर शादी न करायें। देखें कि आपराधिक केस तो दर्ज नहीं है और जोड़े की आयु प्रमाणपत्र का खुलासा करें। वे आपराधिक कृत्य से दूर रहें। इसकी काउंसिलिंग कराई जाय। निर्धारित आयु से पहले शादी न करें। आर्य समाज शादी कराने के फार्मेट में जरूरी सुधार करें। जिसमें आयु प्रमाण, गवाहों की पहचान के साथ हलफनामा दाखिल करने का उपबंध किया जाय। बाल विवाह रोकने के कदम उठाए जाय। कोर्ट ने कहा कि कहावत है बचाव इलाज से बेहतर है। इस पर अमल किया जाए। परिवार की सहमति से शादी कराई जाय।
मालूम हो कि लड़की की मां ने 24 अगस्त 22 को कोखराज थाने में अज्ञात पर अपहरण के आरोप में एफ आई आर दर्ज कराई। कहा 21 अगस्त 22 को घर से शौच करने गई लड़की वापस नहीं लौटी। तलाशी के बाद नहीं मिली तो रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने 15 नवम्बर 22 को लड़की की बरामदगी की। पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने अपहरण कर सम्बंध बनाने का आरोप लगाया। किंतु मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान बदल दिया कि घर से भाग कर आर्य समाज मंदिर में शादी कर साथ जीवन यापन कर रहे हैं।
घटना के समय पीड़िता 15 साल 8 माह की थी। मेडिकल जांच में 17 से 18 वर्ष बताया गया। आयु प्रमाणपत्र के अनुसार नाबालिग है। याची की जमानत अर्जी अधीनस्थ अदालत ने खारिज कर दी थी। जिस पर यह जमानत अर्जी दाखिल की गई है।
कोर्ट ने कहा कि आर्य समाज मंदिर को कैसे मालूम हुआ कि दोनों बालिग है और शादी करा दी। जबकि पीड़िता 16 साल से कम आयु की थी। इस पर कोर्ट ने आर्य समाज की सर्व देशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष को गाइड लाइंस तैयार कर बाल विवाह पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।