गाजियाबाद। जिले की साइबर क्राइम टीम ने साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए बड़ी खोज की है। जांच में पता चला है कि जिले में हुई 450 से अधिक साइबर ठगी की घटनाओं में कुल 109 करोड़ रुपये की ठगी हुई है। इनमें से 97 मोबाइल नंबर पश्चिम बंगाल से संचालित पाए गए हैं।
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गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में गाजियाबाद सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) और सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) ने भाग लिया। इस कार्यशाला में साइबर ठगों के नए ठिकानों का खुलासा हुआ।
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पश्चिम बंगाल के 24 शहरों के साथ-साथ झारखंड के देवघर, जामताड़ा, दुमका, धनबाद, गिरिडीह, रांची और हजारीबाग में भी साइबर ठगों के सक्रिय नेटवर्क पाए गए। इसके अलावा एनसीआर से सटे हरियाणा के नूह और राजस्थान के डींग जिले में भी साइबर अपराधियों के गिरोह सामने आए हैं।
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जिले की साइबर टीम की जांच में यह भी पता चला कि ज्यादातर ठगी फर्जी कॉल, ऑनलाइन स्कैम और फिशिंग जैसी तकनीकों से की गई है। पश्चिम बंगाल से संचालित 97 मोबाइल सिम के जरिए ठगों ने गाजियाबाद के साथ-साथ देश-विदेश में लोगों को अपना निशाना बनाया।
कार्यशाला में अधिकारियों ने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए नए सुझाव और रणनीतियां साझा कीं। इनमें संदिग्ध मोबाइल नंबरों की ट्रेसिंग, डिजिटल फुटप्रिंट्स की जांच और अंतरराज्यीय समन्वय पर विशेष जोर दिया गया।
पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स, संदिग्ध लिंक या मैसेज पर भरोसा न करें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की जानकारी तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल या स्थानीय पुलिस को दें। गाजियाबाद पुलिस इन ठिकानों पर छापेमारी और साइबर ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना बना रही है।