वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और आगामी चुनावों के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप के खिलाफ देशभर में गुस्सा तेज हो गया है। ट्रंप की हालिया विवादास्पद नीतियों और बयानों को लेकर अमेरिका के 50 राज्यों के 1200 से अधिक शहरों में व्यापक विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला। इस आंदोलन में लाखों लोगों ने सड़कों पर उतरकर ट्रंप की नीतियों का विरोध किया। आश्चर्यजनक रूप से, इस प्रदर्शन की चपेट में दुनिया के सबसे बड़े टेक उद्यमी एलन मस्क भी आ गए हैं।
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डोनल्ड ट्रंप ने हाल ही में व्यापार, पर्यावरण, आप्रवासन और टैक्स नीति को लेकर जो फैसले लिए हैं, वे अमेरिका के भीतर सामाजिक और आर्थिक असंतुलन को बढ़ाने वाले माने जा रहे हैं। ट्रंप के बयानों और फैसलों ने न सिर्फ घरेलू स्तर पर अस्थिरता पैदा की है, बल्कि वैश्विक आर्थिक बाजार में भी चिंता की लहर दौड़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रंप दोबारा सत्ता में आते हैं, तो उनकी आक्रामक नीतियां एक नई वैश्विक मंदी को जन्म दे सकती हैं।
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इस प्रदर्शन में टेस्ला और एक्स (पूर्व ट्विटर) के सीईओ एलन मस्क को भी विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रंप समर्थक प्रचार को बढ़ावा दिया है और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर किया है। साथ ही टेस्ला में श्रमिक अधिकारों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के गलत प्रयोग को लेकर भी वे निशाने पर रहे।
प्रदर्शन में भाग लेने वाले कई संगठनों ने “नो टू ट्रंप, नो टू मस्क” जैसे नारे लगाए। न्यूयॉर्क, शिकागो, लॉस एंजिल्स, अटलांटा, ह्यूस्टन, और सिएटल जैसे प्रमुख शहरों में भारी भीड़ उमड़ी। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन कई जगहों पर पुलिस को भी तैनात किया गया। कुछ शहरों में हल्की झड़पें और गिरफ्तारी की खबरें भी सामने आई हैं।
विरोध प्रदर्शन पर व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की स्थिति स्पष्ट है। वह हमेशा पात्र लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा, मेडिकेयर और मेडिकेड देने के पक्ष में हैं। डेमोक्रेट्स का रुख अवैध विदेशियों को सामाजिक सुरक्षा, मेडिकेड और मेडिकेयर लाभ देना है। यह इन कार्यक्रमों को दिवालिया कर देगा और इसका खामियाजा अमेरिकी के वरिष्ठ नागरिकों को उठाना पड़ेगा।