चंडीगढ़। विवादास्पद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने जेल से बाहर ‘कल्याणकारी गतिविधियां’ करने के लिए शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से 21 दिन की फरलो मांगी है। उसने दलील दी है कि संस्था के धार्मिक प्रमुख होने के नाते हर दो साल में एक बार जून में सेवादार श्रद्धांजलि भंडारा का आयोजन किया जाता है, ताकि उन नियमित स्वयंसेवकों को श्रद्धांजलि दी जा सके, जिन्होंने अपना जीवन सामाजिक कार्यों को दिया है, और दुर्घटनाओं या गंभीर बीमारियों में अपनी जान गंवा दी है।
राम रहीम ने दलील दी, “डेरा सच्चा सौदा द्वारा बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण, नशा मुक्ति और गरीब लड़कियों की शादी आदि जैसे कई कल्याणकारी कार्य किए जाने हैं, जिसके लिए आवेदक द्वारा प्रेरणा अभियान चलाने की आवश्यकता है।” उन्होंने हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर (टेम्पररी रिलीज) एक्ट 2022 के तहत कानून के अनुसार फरलो के लिए आवेदन पर विचार करने और निर्णय लेने के कहा है। 29 फरवरी को हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह अदालत की अनुमति के बिना डेरा प्रमुख की पैरोल की अर्जी पर विचार न करे।
अदालत का यह निर्देश शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा दायर एक याचिका के बाद आया, जिसमें बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी होने के बावजूद हरियाणा सरकार द्वारा राम रहीम को बार-बार पैरोल या फरलो पर रिहा करने पर आपत्ति जताई गई थी।