बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले से एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसने राहगीरों को चौंका दिया और समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया। चिचोली क्षेत्र में पढ़ने वाली कक्षा पांचवी की एक नन्ही छात्रा ने स्कूल वैन नहीं आने पर सड़क पर बैठकर धरना दे दिया जिससे जाम लग गया। यह कोई शरारत नहीं, बल्कि पढ़ाई छूटने के डर और अपमान की पीड़ा से उपजा एक मासूम विरोध था।
गांव चुनाहजूरी निवासी सुरभि यादव एक निजी स्कूल में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अध्ययनरत है। बीते कुछ वर्षों से वह स्कूल वैन के माध्यम से स्कूल आती-जाती थी, लेकिन परिजनों द्वारा पिछले दो वर्षों से वैन शुल्क जमा नहीं किए जाने के कारण स्कूल प्रबंधन ने परिवहन सुविधा बंद कर दी।
शनिवार सुबह तय समय पर जब स्कूल वैन सुरभि को लेने नहीं पहुंची, तो वह भावुक हो गई। गुस्से और बेबसी के बीच उसने सड़क के बीचों-बीच बैठकर वैन और अन्य वाहनों का रास्ता रोक दिया। कुछ ही देर में सड़क पर वाहनों की कतारें लग गईं और यातायात प्रभावित हो गया। राहगीर हैरानी से उस बच्ची को देखते रहे, जो अपनी पढ़ाई के अधिकार के लिए चुपचाप विरोध कर रही थी।
घटना की सूचना मिलते ही चिचोली पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिसकर्मियों ने बच्ची को स्नेहपूर्वक समझाया और लोगों को शांत किया। काफी प्रयासों के बाद सुरभि सड़क से उठी, जिसके बाद यातायात व्यवस्था सामान्य हो सकी। इस घटना ने एक बार फिर शिक्षा, संवेदनशीलता और व्यवस्था की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।