नई दिल्ली | अफगानिस्तान में मंगलवार शाम आए 6.6 तीव्रता के भूकंप के मद्देनजर पूरे क्षेत्र में, खासकर उत्तर भारत में इसके तेज झटके महसूस किए गए। दिल्ली अग्निशमन सेवा को इमारतों के झुके होने की कई खबरें मिलीं और टीमें जांच करने के लिए मौके पर पहुंच गईं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
दिल्ली फायर सर्विस (डीएफएस) के निदेशक अतुल गर्ग के अनुसार, पूर्वी दिल्ली में विकास मार्ग पर शकरपुर इलाके में एक इमारत के झुकने के बारे में एक कॉल प्राप्त हुई थी।
उन्होंने कहा, “कॉल आने पर हम जांच के लिए पहुंचे, इमारत में कोई झुकाव नहीं पाया गया। कॉल पड़ोसी द्वारा दी गई। इमारत में रहने वालों को इस कॉल के बारे में पता नहीं था।”
दिल्ली पुलिस के अनुसार, पीएस शकरपुर इलाके में इमारत के झुकने के संबंध में एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई। पुलिस अग्निशमन सेवाएं और डीडीएमए मौके पर पहुंचे, जिसे इमारत संख्या डी-75ए के रूप में पहचाना गया, लेकिन कोई स्पष्ट दरार या झुकाव नहीं देखा गया।
इमारत के जगदीश चांडलर के रूप में पहचाने जाने वाले कॉलर ने कहा कि उसने झुके होने का संदेह होने पर फोन किया, लेकिन अन्य निवासियों और पड़ोसियों ने उसकी बात का खंडन किया। पुलिस ने कहा कि डीडीएमए को सिविल इंजीनियरों द्वारा भौतिक निरीक्षण के लिए एमसीडी को सूचित करने का सुझाव दिया गया था।
डीएफएस के अनुसार, जामिया नगर और कालकाजी एक्सटेंशन में झुकी हुई इमारतों के संबंध में दो और कॉल प्राप्त हुईं और सत्यापन के लिए दोनों जगहों पर दमकल की दो-दो गाड़ियां भेजी गईं। इस संबंध में अभी तक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
मंगलवार की शाम कुछ सेकेंड तक चले भूकंप के झटके ने उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों को हिलाकर रख दिया, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। भारत के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने 6.6 तीव्रता के भूकंप की मैपिंग की, जो रात 10.17.27 बजे (आईएसटी) आया।
नई दिल्ली एनसीआर से लेकर लखनऊ तक मंगलवार रात्रि लगभग 10.21 पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप की तीव्रता बहुत ज़्यादा थी।
पंजाब और उत्तराखंड में भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भी झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फायजाबाद में था और 6.6 की तीव्रता रही। यह तीव्रता काफी खतरनाक मानी जा रही है। इसी साल जनवरी से अब तक भूकंप के तीसरे झटके आ चुके हैं, पहले 5 जनवरी, फिर 23 जनवरी और आज फिर यह भूकंप के झटके लगे।
दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटकों ने ऐसी दहशत बना दी कि लोग 19-20 मंज़िल से अपने बच्चों को लेकर हड़बड़ी में नीचे उतर आए। दिल्ली एनसीआर में अब तक इतने झटके पहली बार महसूस किये जिससे दहशत बन गई और लोग घरो से बाहर निकल आये।
पहले इस भूकंप की तीव्रता 7.7 बताई गई थी लेकिन बाद में आया कि 5. 5 थी पर अब जो रिपोर्ट आ रही है उसके अनुसार तीव्रता 6.6 थी जो कि बहुत गंभीर मानी जाती है। यह भूकंप उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर तक था।
देश में इस भूकंप में किसी बड़ी जनहानि की कोई सूचना नहीं है लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में 10 और पाकिस्तान में दो के मारे जाने की खबर है। पाकिस्तान में उत्तर पश्चिमी प्रांत में रेस्क्यू 1122 सेवा के प्रवक्ता बिलाल फैजी ने बताया कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आए भूकंप से स्वात में एक दस वर्षीय लड़की और लोअर डीर में एक 24 वर्षीय व्यक्ति की उनके घरों की दीवारें गिरने से मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि भूकंप के झटकों के कारण 20 से अधिक इमारतों को नुकसान पहुंचा है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए है। खैबर पख्तूनख्वा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रांत के दूरदराज के इलाकों में कई मिट्टी के घर ढह गए हैं। उन्होंने कहा कि हम अभी भी नुकसान के बारे में आंकड़े एकत्र कर रहे हैं।
पाकिस्तान में भूकंप के झटके 30 सेंकंड तक महसूस किए गए। भूकंप के झटके पाकिस्तान के अधिकांश क्षेत्रों में महसूस किए गए। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और कई इलाकों में लोगों ने खुले में कुरान पढ़ी। इसी तरह की रिपोर्ट पाकिस्तान के अन्य शहरों से आ रही है।
समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के अनुसार भूकंप के झटके लाहौर, इस्लामाबाद, पेशावर, झेलम, शेखूपुरा, नौशेरा, मुल्तान, स्वात, शांगला और अन्य हिस्सों में महसूस किए गए। भूकंप के झटके महसूस होने के बाद टीवी फुटेज में नागरिकों को अपने घरों और इमारतों से बाहर सड़कों पर दिखाया गया।
रेस्क्यू 1122 के महानिदेशक डॉ खतीर अहमद ने कहा कि विभाग को स्वात और लोअर डीर से किसी घटना की रिपोर्ट मिलने पर बचाव दल भेजा गया था। रेस्क्यू 1122 हाई अलर्ट पर है और किसी भी आपात स्थिति में सेवाएं देने के लिए तत्पर है।
आपको बता दे कि 2022 में ऑस्ट्रेलिया के भूवैज्ञानिकों ने धरती पर मौजूद सभी टैक्टोनिक प्लेटों का एक नया नक्शा तैयार किया था। इसमें बताया गया था कि इंडियन प्लेट और ऑस्ट्रेलियन प्लेट के बीच माइक्रोप्लेट को नक्शे में शामिल किया गया है। साथ ही कहा गया था कि भारत यूरोप की तरफ खिसक रहा है।
इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में इन दो प्लेटों के टकराव से हिमालय सहित उत्तरी हिस्सों में भीषण भूकंप आ सकता है। ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी ऑफ एडिलेड में डिपार्टमेंट ऑफ अर्थ साइंसेस के लेक्चरर डॉ. डेरिक हैस्टरॉक और उनके साथियों ने मिलकर ये नक्शा तैयार किया है।