नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चीनी वीजा घोटाला मामले में कार्ति पी. चिदंबरम और उनके पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट एस. भास्कर रमन के खिलाफ दिल्ली की विशेष पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दायर की।
ईडी ने गुरुवार को बताया कि कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। कार्ति चिदंबरम के अलावा, एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड और अन्य को भी मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी के रूप में नामित किया गया है।
वित्तीय जांच एजेंसी ने आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत सीबीआई द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।
ईडी जांच से पता चला है कि तलवंडी साबो पावर लिमिटेड से चीनी वीजा के पुन: उपयोग की मंजूरी दिलाने के बदले कार्ति चिदंबरम को अपने करीबी सहयोगी एस. भास्कर रमन के माध्यम से 50 लाख रुपये की अवैध रिश्वत मिली थी।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”यह कंपनी पंजाब के मनसा में एक बिजली परियोजना स्थापित करने में शामिल थी। कंपनी के अधिकारियों ने गृह मंत्रालय से वीजा के पुन: उपयोग के लिए मंजूरी प्राप्त करने में सहायता के लिए कार्ति पी. चिदंबरम से संपर्क किया था। उस समय उनके पिता गृह मंत्री थे।”
अधिकारी ने कहा, ”मामले में अपनाई गई कार्यप्रणाली में कंपनी द्वारा फर्जी सर्विस के लिए एक एंट्री ऑपरेटर को 50 लाख रुपये का चेक जारी करना शामिल था। इसके बाद एंट्री ऑपरेटर ने भास्कर रमन को 50 लाख रुपये नकद दिए।”
अधिकारी ने कहा कि इसके बाद एस. भास्कर रमन ने 50 लाख रुपये को कार्ति पी. चिदंबरम के नियंत्रित वाली कंपनी एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड में निवेश किया। समय के साथ, इस निवेश का मूल्य बढ़कर 1.59 करोड़ रुपये हो गया, जो पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत अपराध की आय है।