नयी दिल्ली-चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) तथा वीवीपैट को लेकर आयोग से चर्चा करने संबंधी अनुरोध को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि ईवीएम के इस्तेमाल आयोग को पूरा भरोसा है इसलिए इस बारे में किसी चर्चा की आवश्यकता नहीं है।
आयोग ने कहा है कि ईवीएम को लेकर जो कुछ जानकारी जनता के बीच है। ईवीएम से जुड़ी पूरी जानकारी सवालों तथा उनके जवाब के साथ व्यापकता से दिए गये हैं। इन सवालों तथा उनके जवाब में ईवीएम से जुड़े सभी आशंकाओं का निराकरण है।
ईवीएम से मतदान के बाद वीवीपैट की व्यवस्था पर आयोग ने कहा कि ईवीएम में डाले गये वोट की व्यवस्था कांग्रेस सरकार के शासनकाल में 2013 में शुरु की गई थी। आयोग ने यह भी कहा कि ईवीएम तथा वीवीपैट को लेकर पहले भी व्यापक जानकारी दी जा चुकी है।
आयोग ने यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार को लिखे पत्र के जवाब में कही है जिसमें उन्होंने आयोग से अनुरोध किया था कि विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के नेताओं का एक दल वीवीपैट पर अपना मत रखने को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त तथा उनके सहयोगियों से मिलना चाहता है।
आयोग ने कहा है कि ईवीएम से जुड़ी सारी जनकारी बाजाद में मौजूद दस्तावेजों में उपलब्ध है। इंडिया गंठबंधन के नेताओं से मुलाकात के एजेंडे को लेकर जो तथ्य दिए गये हैं उनमें कुछ भी नया नहीं है।
इसी बीच आज चुनाव आयोग जा रहे वकीलों महमूद प्राचा और भानु प्रताप सिंह को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। ये सभी ईवीएम पर चर्चा के लिए चुनाव आयोग जाने की कोशिश कर रहे थे। इनके साथ कई वकील, प्रोफ़ेसर, सेवा निवृत अफसर शामिल थे। ये वकील पिछले कई दिनों से ईवीएम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। शनिवार को इनका जंतर मंतर पर भी धरना करने का कार्यक्रम है.