यमुनानगर। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान संगठनों ने नई कृषि बाजार नीति के विरोध में लघु सचिवालय के सामने इकठ्ठा होकर प्रतियां जलाईं और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान संगठनों ने इकठ्ठा होकर नई कृषि बाजार नीति की प्रतियां जलाईं और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
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इस मौके पर अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष जरनैल सिंह सांगवान ने बताया कि 25 नवंबर को केंद्र सरकार ने नई कृषि बाजार नीति का एक मसौदा तैयार किया है। इसका सीधा असर प्रत्येक राज्य की मंडियों पर पड़ेगा और मंडियां बंद भी होंगी। जबकि मंडियों का विस्तार आज के समय की जरूरत है। लेकिन औद्योगिक घरानों के लिए सरकार यह नीति ला रही है।
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार औद्योगिक घरानों के लिए काम करती है। सरकार इनका तो 16 लाख करोड़ रूपये का ऋण माफ कर सकती है, लेकिन मध्यम व गरीब पर तरह-तरह से भारी टैक्स लगाती है। आज डीजल और पेट्रोल के दाम, बढ़ती महंगाई से हर आम नागरिक परेशान है। उन्होंने किसानों से भी अपील की है कि वें अपनी जमीन बचाने के लिए अपने बच्चों को कृषि क्षेत्र में लेकर आएं।
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उन्होंने कहा कि एमएसपी का गारंटी कानून, स्वामीनाथन रिपोर्ट और फसलों के दाम सी टू 50 प्रतिशत लागू करने की मांग को लेकर पूरे देश भर के किसान 26 जनवरी को सड़कों पर ट्रैक्टर से विरोध प्रदर्शन करने उतरेंगे।