नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में पड़ रही गर्मी के बीच शॉर्ट सर्किट और लूज वायरिंग की वजह से आग की घटनाएं लगातार हो रही है। ऐसा ही एक मामला देर रात द्वारका जिले के डाबड़ी के पास वैशाली इलाके में सामने आया। यहां के 4 मंजिला बिल्डिंग में आग लग गई। मौके पर अलग-अलग दमकल स्टेशनों से आग बुझाने वाली 09 गाड़ियां पहुंची। मौके पर फायरकर्मियों को पता चला कि आग बेसमेंट में लगी है और उसका धुआं ऊपरी मंजिल तक पहुंच रहा है।
फर्स्ट फ्लोर पर न्यू बोर्न चाइल्ड हॉस्पिटल था। जिसमें 20 नवजात बच्चे को नर्सरी में रखा हुआ था। मौके पर पहुंचे डिविजनल ऑफिसर वीके दुग्गल, असिस्टेंट डिविजनल ऑफिस उदयवीर और बाबूलाल मीणा की टीम ने सभी बच्चों को वहां से निकालकर अलग-अलग अस्पतालों में एंबुलेंस के जरिए सकुशल भिजवाया।
दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि दमकल विभाग को रात 1:35 पर आग लगने की सूचना मिली थी। लगभग एक घंटे के अंदर 2:25 पर आग पर काबू पा लिया गया। चार मंजिला बिल्डिंग के बेसमेंट में हॉस्पिटल का सामान रखा हुआ था। जिसमें ऑफिस भी बना हुआ था, जिसमें किसी कारण से आग लग गई थी। ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें हैं और फर्स्ट फ्लोर पर “न्यू बोर्न चाइल्ड हॉस्पिटल” चलाया जा रहा है।
अस्पताल में सभी वह नवजात बच्चे थे, जिन्हें किसी ने किसी प्रॉब्लम की वजह से नर्सरी में डॉक्टर की निगरानी में इलाज के लिए रखा गया था। लेकिन उनमें से जनकपुरी के आर्या अस्पताल में 13 बच्चे को, द्वारका मोड़ के न्यू बोर्न चाइल्ड अस्पताल में 2 बच्चों को, जनकपुरी के जेके अस्पताल में दो बच्चों को शिफ्ट किया गया। वहीं 03 नवजात बच्चों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। आग लगने के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। आगे की जांच स्थानीय पुलिस कर रही है।
वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने बच्चों को दूसरे अस्पताल शिफ्ट करने के बाद आज सुबह जानकारी दी। यह पूरा अस्पताल सिर्फ 180 गज में बना हुआ है। अस्पताल के बाहर ही गड्ढा खुदा हुआ था। ऐसे में दमकल विभाग को रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी परेशानी हुई।