नयी दिल्ली। कर्नाटक कांग्रेस सरकार के केंद्र के खिलाफ बुधवार को यहां जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने आरोप लगाया कि केंद्र को दिए गए प्रत्येक 100 रुपये के बदले में राज्य को महज 13 रुपये मिलते हैं।
सिद्दारमैया ने कहा कि हालांकि कर्नाटक देश भर में दूसरा सबसे बड़ा कर योगदानकर्ता है, लेकिन केंद्र प्रायोजित योजनाओं के अनुदान में लगातार गिरावट देखी गई है। उन्होंने कहा,“वर्ष 2021-22 में 20,986 करोड़ रुपये से, 2023-24 में यह तेजी से गिरकर 13,005 करोड़ रुपये हो गया है। इस दौरान करीब 7,000 करोड़ रुपये की चिंताजनक कमी आई।”
सिद्दारमैया ने बुधवार को यहां केंद्र सरकार की कर हस्तांतरण नीतियों के खिलाफ कर्नाटक कांग्रेस के ‘चलो दिल्ली’ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र ने अभी तक कर्नाटक में बाढ़ राहत और किसानों के मुद्दों के लिए धन जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा,“केंद्रीय करों में हमारे राज्य की हिस्सेदारी 14वें वित्त आयोग में 4.71 प्रतिशत से घटाकर 15वें वित्त आयोग में 3.64 प्रतिशत करने से कर्नाटक को पांच वर्षों में लगभग 62,098 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है।”
सिद्दारमैया ने कहा,“आज भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (एस) नेताओं की अनुपस्थिति राजनीतिक कायरता का प्रदर्शन है, अपने कर्तव्यों से पलायन और राजनीतिक अवसरवाद की याद दिलाती है जो भाजपा और जद (एस) की कर्नाटक एकता को नुकसान पहुंचाती है।”
सिद्दारमैया ने कहा कि देश बदलाव की दहलीज पर खड़ा है, अपनी विविधता में एकजुट है, अपने दृढ़ विश्वास में मजबूत है और कर्नाटक के लिए न्याय की अपनी खोज में अटल है। उन्होंने कहा,“आज हम जंतर मंतर पर एक साथ खड़े हैं, जो लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति का एक स्थायी प्रतीक है और पूरे भारत के इतिहास में लोगों की आवाज की शक्ति का प्रमाण है।”
उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने आरोप लगाया कि राज्य को जितना मिलना चाहिए था उसका केवल 13 प्रतिशत ही मिल रहा है। उन्होंने कहा,“हम अपना अधिकार मांग रहे हैं, हमें जो भी प्रतिशत मिलना चाहिए, उसका 13 प्रतिशत मिल रहा है। अगर अन्य राज्यों को लाभ मिलता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है।”
उन्होंने कहा,“उन्होंने गुजरात को गिफ्ट सिटी दी है। उन्हें हमें भी गिफ्ट सिटी देने दीजिए। उन्हें तमिलनाडु, तेलंगाना और महाराष्ट्र को मौका देने दीजिए। भारत एक एकजुट देश है।”
कर्नाटक के मंत्री केएच मुनियप्पा ने कहा कि केंद्र सरकार के आश्वासन के बावजूद कर्नाटक में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए एक पैसा भी जारी नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा,“भारत सरकार ने कर्नाटक में सूखे की स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति भेजी है और रिपोर्ट सौंप दी है। कर्नाटक के सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की और उन्होंने आश्वासन दिया कि पैसा जारी किया जाएगा।”
उन्होंने कहा,“लेकिन, आज तक केंद्र ने पैसा जारी नहीं किया है। हमने पैसा पाने के लिए हर संभव प्रयास किया है। यह आखिरी रास्ता है। हमें विरोध करना होगा।”