मुजफ्फरनगर। पूर्व विधायक शाहनवाज राणा से जिला कारागार में बरामद मोबाइल मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए उनके समधी बिजनौर के पूर्व विधायक मौहम्मद गाजी की बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अब तीन मई को जमानत पर सुनवाई की तिथि कोर्ट ने नियत की है।
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मुजफ्फरनगर के पूर्व विधायक शाहनवाज राणा पांच दिसंबर से जिला कारागार में बंद है। जीएसटी की डिप्टी डायरेक्टर श्रेया गुप्ता ने एक टीम के साथ वहलना चौक स्थित राणा स्टील पर छापा मारा था, वहां शाहनवाज राणा की श्रेया गुप्ता से तीखी बहस हुई थी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले में उसी दिन शाहनवाज राणा को गिरफ्तार कर लिया गया था। शाहनवाज राणा पर उसके बाद से गैंगस्टर समेत कई नए मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जिनके चलते अभी वे जेल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।
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इसी बीच जेल में उनकी बैरक से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ था, जेलर राजेश सिंह ने जब वह मोबाइल बरामद किया, तो दोनों में तीखी झड़प हो गई, इसके बाद जेलर राजेश सिंह ने शाहनवाज राणा के खिलाफ थाना नई मंडी में जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज करा दिया था, जिसके बाद शाहनवाज राणा को मुजफ्फरनगर की जेल से चित्रकूट की जेल स्थानांतरित कर दिया गया था, शाहनवाज राणा वर्तमान में चित्रकूट की जेल में ही बंद है।
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इसी बीच शाहनवाज राणा के वकील नकली त्यागी ने आरोप लगाया था कि जेल में शाहनवाज की जमकर पिटाई की गई है, जिसके अदालत से आदेश भी हुए, लेकिन जेल से बाहर पूरी जांच नहीं हो पाई है। जेल में शाहनवाज राणा से बरामद मोबाइल का सिम उनके समधी बिजनौर से बसपा के पूर्व विधायक मौहम्मद गाजी के जरिए उन तक पहुंचना बताया गया था, जिसके बाद पुलिस ने गाजी को पूछताछ के लिए बुलाया और हिरासत में ले लिया और जेल भेज दिया।
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बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल जिंदल ने बताया कि कोर्ट में न्यायाधीश की नियुक्ति न होने के कारण जमानत पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी। जमानत पर सुनवाई के लिए तीन मई की तिथि नियत की गई है। इसी बीच जिला जेल में मिले मोबाइल का सिम, जेल में जाने से पहले शाहनवाज राणा के परिजनों द्वारा भी प्रयोग किया गया था, जिसके चलते पुलिस ने शाहनवाज राणा की पत्नी इंतख़ाब राणा समेत उनके बेटे प्रिंस राणा और पुत्रवधू, जो मोहम्मद गाजी की बेटी है, आदि को नोटिस जारी कर दिया है लेकिन वे सभी फरार है और पुलिस उनकी तलाश कर रही है। फिलहाल शाहनवाज राणा को भी कोई कानूनी राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।