विजयवाड़ा – आंध्र प्रदेश भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत ने रविवार को कौशल विकास घोटाला मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।इसी बीच एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के विरोध में 11 सितंबर को आंध्र प्रदेश बंद का आह्वान किया गया है। उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा जा रहा है। फिल्म अभिनेता से नेता बने के पवन कल्याण की जन सेना पार्टी और वामपंथी दलों ने राज्य बंद को अपना समर्थन देने की घोषणा की।
एसीबी कोर्ट के न्यायाधीश बीएसवी हिमाबिंदु ने श्री नायडू के अधिवक्ताओं और आंध्र प्रदेश अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) के सहायक महाधिवक्ता की दलीलें सुनीं। सुबह से शाम छह बजे तक बहस चलती रही।
पूर्व मुख्यमंत्री को बाद में न्यायाधीश ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पुलिस तेदेपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को राजमुंदरी सेंट्रल जेल ले जा सकती है। एहतियात के तौर पर पुलिस ने पूरे राज्य में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
गौरतलब है कि यह पहली बार है जब श्री नायडू अपने 45 साल के राजनीतिक करियर में भ्रष्टाचार के मामले का सामना कर रहे हैं।
इससे पूर्व शनिवार को आंध्र प्रदेश सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक एन संजय ने कहा है कि श्री नायडू करोड़ों रुपये के कौशल विकास घोटाले में आरोपी नंबर एक हैं।
श्री संजय ने कहा कि राज्य भर में 3000 करोड़ रुपये की लागत से छह उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए सीमेंस कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये थे। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता केंद्रों के लिए 58 करोड़ रुपये की लागत से सॉफ्टवेयर खरीदा गया। उन्होंने कहा, “हालांकि आवश्यक सॉफ्टवेयर 58 करोड़ रुपये की लागत से खरीदा गया था, बाद में इसमें कई गुना बढ़ोतरी की गई जिसमें भारी धनराशि की हेराफेरी की गई।”
सीआईडी प्रमुख ने कहा कि श्री नायडू के नेतृत्व वाली तेदेपा सरकार ने वित्त विभाग की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए डिजाइनटेक कंपनी को उसके हिस्से के रूप में 371 करोड़ रुपये जारी किए थे। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने भी इस परियोजना को मंजूरी नहीं दी थी।