शिमला। भंग हो चुके हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के बहुचर्चित पेपर लीक प्रकरण में विजिलेंस ने बड़ी कार्रवाई की है। विजिलेंस ने पेपर लीक प्रकरण की पहली एफआईआर में नामजद किए गए आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर को गिरफ्तार कर लिया है। वह एचएएस अधिकारी हैं। पिछले छह वर्षों से कर्मचारी चयन आयोग के सचिव तैनात थे। मंगलवार को विजिलेंस ने साक्ष्यों के आधार पर पूछताछ के बाद पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर को गिरफ्तार किया।
विजिलेंस के एक प्रवक्ता ने बताया कि जेओए आईटी (पोस्ट कोड 965) पेपर लीक मामले में दर्ज एफआईआर में आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपित को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
प्रदेश सरकार की तरफ से अभियोग चलाए जाने की मंजूरी मिलने के बाद जितेंद्र कंवर की गिरफ्तारी के कयास लगातार लगाए जा रहे थे। जांच में पुख्ता और ठोस सबूत मिलने के बाद विजिलेंस ने उन पर कार्रवाई अमल में लाई है। गिरफ्तार किए गए जितेंद्र कंवर लगातार छह साल तक आयोग के कर्ताधर्ता थे। उन्होंने जनवरी 2017 को आयोग के सचिव का काम संभाला था। वह इस मामले में अहम कड़ी होने की वजह से विजिलेंस के रडार पर थे।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर की 25 दिसंबर 2022 को होने वाली पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी भर्ती की लिखित परीक्षा से दो दिन पहले पेपर लीक हो गया था। इस कारण जेओए आईटी की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। पेपर लीक मामले में 23 दिसंबर 2022 को पहला मामला दर्ज हुआ था। अगले दिन 24 दिसंबर को आयोग की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद व उनके दो बेटे निखिल आजाद व नितिन आजाद सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया।
जिस महिला उमा आजाद पर पेपर लीक करने का आरोप है, वह चयन आयोग की गोपनीय शाखा में वरिष्ठ सहायक के पद पर लंबे समय से कार्यरत थी। एक अभ्यर्थी की शिकायत पर विजिलेंस ने महिला और उसके बेटे समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था। विजिलेंस ने 28 दिसंबर को जूनियर आडिटर, कंप्यूटर आपरेटर भर्ती पेपर लीक मामले में दूसरा मामला दर्ज किया था। 31 दिसंबर को दलाल संजीव के भाई शशिपाल को गिरफ्तार किया गया।
पेपर लीक प्रकरण का मुद्दा गरमाने के बाद हिमाचल की सुक्खू सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पहले आयोग के कामकाज को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया था। सुक्खू सरकार ने 21 फरवरी को आयोग को भंग करने का फैसला लेते हुए हिमाचल लोकसेवा आयोग को कर्मचारी चयन आयोग की लंबित भर्तियां करने के निर्देश दिये। 25 मार्च को ओएमअर सीट से छेड़छाड़ करने वाले दो चपरासी किशोरी लाल व मदन लाल गिरफ्तार किए और 26 मार्च को दोनों को अदालत ने 31 मार्च तक पुलिस रिमांड पर भेजा था।
खास बात यह है कि कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक प्रकरण की जांच में कई परीक्षाओं में गड़बड़ियां सामने आई है। यहां तक की कई अभ्यर्थी पेपर खरीद कर सरकार के विभिन्न विभागों में नौकरी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामले में पिछले दिनों ट्रैफिक इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया गया है। बहरहाल पेपर लीक मामले में कुछ आरोपित पुलिस रिमांड में है, जबकि कुछ हिरासत में चल रहे हैं।