Sunday, December 22, 2024

मुज़फ़्फ़रनगर में GST के नाम पर 257 करोड़ का फ्रॉड, नौकरी दिलाने के नाम पर लिए थे कागजात

खतौली। तू डाल डाल में पात पात। कुछ ऐसा ही मामला शातिर ठगों ने सरकारी खजाने को चूना लगाने में कर रखा है। केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी को लेकर लाख सख्ती किए जाने का ढिंढोरा पीटने के बावजूद शातिर ठग सरकारी खजाने को लूटने से बाज़ नहीं आ रहे हैं।

मुज़फ्फरनगर के खतौली में शातिर ठगों ने एक ग्रामीण युवक को नौकरी लगवाने का झांसा देकर इसके महत्वपूर्ण दस्तावेज़ अपने कब्जे में लेकर सरकार को लगभग ढाई सौ करोड़ की चपत लगा दी। ठगों ने रतनपुरी थाना क्षेत्र के गांव बडसू निवासी युवक अश्वनी कुमार को नौकरी लगवाने का झांसा देकर इसका आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित अन्य महत्वपूर्ण कागज़ अपने कब्जे में ले लिए।

बताया गया कि ठगों ने अश्वनी कुमार के कागज़ों के आधार पर फर्जी कंपनी का जीएसटी पंजीकरण कराने के साथ ही बैंक अकाउंट भी खुलवा लिया। बीते दिनों ठगों ने फर्जी कंपनी के जीएसटी बिलों के आधार पर वसूले गए दो सौ सत्तावन करोड़ रूपए अश्वनी कुमार के बैंक अकाउंट में जमा कराने के बाद इन्हें अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करा दिए।

फ्रॉड पकड़ में आने के बाद सक्रिय हुए जीएसटी विभाग ने पूरे मामले से पुलिस को अवगत कराया। जिसके चलते बीते कई दिनों से क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा अश्वनी कुमार से पूछताछ की जा रही है। पुलिस के अनुसार अश्वनी कुमार के बैंक खाते में जमा किए गए जीएसटी चोरी के 257 करोड़ रूपए मुंबई के कई बैंकों के खातों के माध्यम से निकाले गए हैं। पुलिस बैंक अकाउंट की छानबीन करके ठगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी चोरी करके केंद्र सरकार को लाखों करोड़ों का चूना लगाने वाले कई शातिर ठग गिरोह सक्रिय हैं। ठगों द्वारा भोले भाले लोगों के आधार कार्ड और पैन कार्ड अपने कब्जे में लेने के बाद इनके माध्यम से फर्जी कंपनी का जीएसटी पंजीकरण कराने के साथ ही बैंक में खाता खुलवाया जाता है। फर्जी कंपनी के जीएसटी बिलों के माध्यम से ठग लाखों करोड़ों रुपयों की जीएसटी की रकम डकार कर भोले भाले लोगों को सरकारी जांच के बवंडर में फंसने के लिए छोड़ देते है।

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