गाजियाबाद। अब गाजियाबाद में अवैध प्लॉटिंग और निर्माण पर निगरानी रखने का तरीका आधुनिक और तकनीकी हो गया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने जिले में हो रहे अवैध निर्माण और अवैध प्लॉटिंग पर लगाम लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लेने का निर्णय लिया है।
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आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हर क्षेत्र में बदलाव ला रहा है—काम की रफ्तार तेज कर रहा है और पारदर्शिता को बढ़ावा दे रहा है। इसी क्रम में जीडीए भी इस अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके शहरी विकास को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
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गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अनुसार, AI तकनीक के जरिए जिले में हो रहे निर्माण पर डिजिटल नज़र रखी जाएगी। जिसमें हर तीन महीने में सेटेलाइट के माध्यम से दो इमेज ली जाएंगी। AI सॉफ्टवेयर इन इमेज का आपसी मिलान करेगा और यह पता लगाएगा कि किसी स्थान पर नया निर्माण हुआ है या नहीं। इसके बाद यह डेटा क्षेत्र के स्वीकृत नक्शों से मिलाया जाएगा। अगर किसी स्थान पर अनुमोदित नक्शे के विपरीत या बिना अनुमति के निर्माण किया गया है, तो AI उस स्थान को तुरंत चिन्हित कर देगा। चिन्हित होने के बाद प्राधिकरण के लिए उस पर कार्रवाई करना अधिक आसान और त्वरित हो जाएगा।
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गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने इस तकनीक के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। अधिकारी मानते हैं कि यह गाजियाबाद के लिए एक नई और पहली पहल होगी, जिससे अवैध निर्माण को जड़ से खत्म करने में मदद मिलेगी।
प्राधिकरण का कहना है कि फिलहाल प्रशिक्षण का चरण जारी है और जल्द ही जिले में यह प्रणाली पूरी तरह से लागू कर दी जाएगी। इससे गाजियाबाद में अवैध निर्माण को रोकने की दिशा में मजबूत और तकनीकी पहल हो सकेगी।