ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से आरटीआई में जवाब मांगा गया था कि बीते 2 साल में अथॉरिटी ने चाय पानी में कितना खर्च किया है। प्राधिकरण की तरफ से आरटीआई का जो जवाब दिया गया, उसके मुताबिक बीते 2 साल में तकरीबन 71 लाख रुपए की चाय अथॉरिटी के अधिकारियों ने भी और पिलाई है।
आरटीआई के जवाब में बिल का ब्यौरा हर एक महीने का दिया गया है। जिसमे कोरोना महामारी के दौरान का बिल भी दो – दो लाख आया है। जिसकी वजह से एक बार फिर से प्राधिकरण में घोटाले की बू आने लगी है। 2020 अप्रैल और मई महीने में भी 2 -2 लाख रुपए का बिल आया है। अप्रैल में 1 लाख 74 से ज्यादा का बिल, वहीं मई का 2 लाख 28 हजार से ज्यादा का बिल आया हैं। सर्वाधिक बिल दिसंबर 2021 का है।
बताया जा रहा है कि 2 साल में अधिकारी और कर्मचारी 71 लाख रुपए चाय-नाश्ता डकार गए हैं। चाय और नाश्ता का यह भारी-भरकम बिल अप्रैल 2020 से जून 2022 के बीच का है. यह जानकारी आरटीआई से मिले जवाब में मिली है।
इतना ही नहीं आरटीआई के जवाब में लॉकडाउन के दौरान दो-दो लाख रुपए की चाय नाश्ता का जिक्र है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने आरटीआई के जवाब में बताया कि यह बिल क्षेत्रीय बैठकों और किसानों की बैठकों के दौरान आया है। एक महीने में सबसे ज्यादा बिल करीब पौने चार लाख का बनाया गया है। चाय नाश्ते के बिल का ब्योरा ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने सागर खारी की आरटीआई के जवाब में दिया है।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने जवाब में बताया कि कार्यालय में शासन की बैठक, समीक्षा बैठक, क्षेत्रीय किसानों के साथ बैठकों और अन्य बैठकों में जलपान चाय – नाश्ते के दौरान खर्चा हुआ है। आरटीआई एक्टिविस्ट सागर खारी का कहना है कि मामले में घपलेबाजी की गई है। लिहाजा इसकी शिकायत लोकायुक्त और मुख्यमंत्री कार्यालय में भी करेंगे।