मुजफ़्फरनगर। बनारस से यूपी बोर्ड की कॉपियां लेकर आये शिक्षक की उसके साथी हैड कास्टेबिल द्वारा गोली मारकर हत्या करने की सनसनीखेज वारदात में पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मी को जेल भेज दिया है और परीक्षण के पश्चात शव को मृतक शिक्षक के परिजनों को सौंप दिया गया है।
शिक्षक की हत्या के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। हेड कांस्टेबल ने अपनी सरकारी कारबाइन से शिक्षक पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं। हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश ने अपनी सरकारी कारबाइन से अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं। इस दौरान कारबाइन से निकली तीन गोलियां शिक्षक धर्मेंद्र के शरीर के पार निकल गई, जबकि सात गोलियां डीसीएम में लगकर पार निकल गई थीं। दो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट में तीन गोली शिक्षक को लगने की पुष्टि हुई है।
पुलिस ने बताया कि हेड कांस्टेबल की कारबाइन से 12 गोलियां निकलीं। इनमें से तीन गोलियां शिक्षक को लगीं। सात डीसीएम में लगीं और दो गोली मिस होकर कारबाइन के चेंबर से बाहर आकर गिरीं। 18 गोलियां कारबाइन के चेंबर में ही रहीं। पुलिस ने गोली, खोखा, कारतूस व कारबाइन को कब्जे में लिया है। कारबाइन की मैग्जीन में 30 गोलियां आती हैं, इससे पहले जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी के आदेश पर दो डॉक्टरों के पैनल ने रात में पोस्टमार्टम किया था। रिपोर्ट में तीन गोलियां शिक्षक को लगने की पुष्टि हुई है।
आपको बता दे कि वाराणसी से शिक्षक धर्मेंद्र कुमार अपने साथी शिक्षक संतोष कुमार, सुरक्षाकर्मी हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश, दरोगा नागेंद्र चौहान व दो चपरासियों के साथ डीसीएम में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की उत्तर पुस्तिकाएं लेकर यहां आए थे। यह लोग रात में लगभग बारह बजे पहुंचे थे और एसएसपी आवास के सामने एसडी इंटर कॉलेज के गेट के निकट डीसीएम को खड़ा कर आराम कर रहे थे। रात में करीब दो बजे हेड कांस्टेबल ने तंबाकू मांगा और विरोध करने पर उसने शिक्षक धर्मेंद्र पर कारबाइन से गोलियां बरसा कर उनकी हत्या कर दी थी।
मुजफ्फरनगर में शिक्षक धर्मेंद्र के भाई जितेंद्र ने हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट और हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने पूछताछ करने के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया। वहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। परिजनों ने डीएम और एसएसपी से बात करने के बाद मुकदमा दर्ज कराया था।
रविवार रात एसएसपी आवास और एसडी इंटर कॉलेज के गेट के सामने डीसीएम में शिक्षक धर्मेंद्र की उनकी टीम में शामिल हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश ने कारबाइन से गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। यह सूचना पुलिस ने शिक्षक के ग्राम प्रधान के माध्यम से परिजनों तक पहुंचाई थी। शिक्षक के भाई जितेंद्र अपने जीजा बनारस निवासी अनिल चौधरी, परिचित वाराणसी निवासी शिव कुमार व गाजीपुर निवासी रवि प्रताप के साथ सोमवार रात सिविल लाइन थाने पहुंचे थे। वहां उनसे डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी व एसएसपी अभिषेक सिंह ने बात की। लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई।
जितेंद्र ने थाना सिविल लाइन पुलिस को तहरीर देकर बताया कि डीसीएम में हेड कांस्टेबल चंद्रप्रकाश कर्मचारियों से तंबाकू मांगते हुए किसी को आराम नहीं करने दे रहा था। धर्मेंद्र ने विरोध जताया तो उनको जातिसूचक शब्दों से अपमानित कर गाली दी गई। धर्मेंद्र ने शिक्षक साथी संतोष को फोन किया और उन्हें व दरोगा नागेंद्र चौहान को आने के लिए कहा, तभी हेड कांस्टेबल ने गोली मार कर धर्मेंद्र की हत्या कर दी।
सिविल लाइन थाना पुलिस ने आरोपी हेड कांस्टेबल के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट व हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया। एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि मंगलवार को पुलिस ने आरोपी हेड कांस्टेबल को कोर्ट में पेश किया। वहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
घटना के दौरान हेड कांस्टेबल नशे में था। पुलिस उसे पकड़ कर सिविल लाइन थाने में ले आई थी। सूत्र बताते हैं कि मेडिकल में उसके नशे में होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद वह सोमवार शाम तक बेसुध होकर हवालात में पड़ा रहा था। मंगलवार सुबह उसका चालान किया गया। शिक्षक के परिजन सोमवार को देर शाम तक पहुंचे थे। उन्होंने अपने आने से पहले शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार किया था। यही कारण रहा कि उनके आने पर यह कार्रवाई हुई। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी के आदेश पर कृत्रिम प्रकाश में शव का दो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया।