Tuesday, May 7, 2024

पराली का समाधान करने में हरियाणा सरकार विफल, सीएम को दे देना चाहिए इस्तीफाः आम आदमी पार्टी

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर कहा कि दिल्ली में एक पढ़ी-लिखी और एक ईमानदार सरकार है। जो लगातार जनता के हित में काम करती आई है। पर्यावरण को लेकर सिर्फ दिल्ली सरकार ही लगातार सक्रिय दिखती है।

उन्होंने कहा कि चाहे दिल्ली सरकार द्वारा लाई गई ट्री प्लांटेशन पॉलिसी हो, जिसके तहत हम इस साल 53 लाख पौधे लगाएंगे और 43 लाख पहले ही लगाया जा चुके हैं। चाहे इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बात हो, हमारी ईवी पॉलिसी के तहत दिल्ली में करीब 16.8 प्राइवेट व्हीकल इलेक्ट्रिक हैं। लगातार प्रयासों की वजह से हमारी ईवी पॉलिसी के लिए हमें स्टेट लीडरशिप अवार्ड मिला है।

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उन्होंने कहा कि दिल्ली में आज सभी इंडस्ट्रीज के लिए पीएनजी का इस्तेमाल करना अनिवार्य है। 24 घंटे बिजली देने के बाद से दिल्ली में इनवर्टर और जनरेटर की जरूरत खत्म हो गई। जिससे दिल्ली में प्रदूषण में काफी कमी आई है। दिल्ली में दो थर्मल प्लांट थे, सरकार उन्हें बंद करा चुकी है। पिछले कुछ सालों से दिल्ली में ग्रेड एक्शन प्लान, समर एक्शन प्लान और विंटर एक्शन प्लान चलता है।

जबसे आम आदमी पार्टी सरकार एमसीडी में भी आई है, तब से हम लोग निर्माण से उत्पन्न होने वाले मलबे और धूल मिट्टी को भी लगातार टारगेट कर रहे हैं। दिल्ली सीएम केजरीवाल ने बुराड़ी में देश का सबसे ज्यादा क्षमता वाला कंस्ट्रक्शन वेस्ट प्लांट का उद्घाटन किया है। यहां पर मलबा रिसाइकल किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हाल में पार्लियामेंट में इकोनामिक सर्वे 2022-2023 की एक रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसमें बताया गया कि 2016 से लेकर 2021 तक पीएम 2.5 में 22 की कमी आई है और पीएम 10 में 27 की कमी आई है। 2022 में दिल्ली की हवा में 8 सुधार हुआ था और 2023 में यह सुधार करीब 31 हो गया है। इसी वर्ष मिनिस्ट्री आफ एनवायरमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज ने एक रिपोर्ट छापी, जिसमें कहा गया कि बीते 8 वर्षों में, जिसमें कोविड पीरियड को शामिल नहीं किया गया, 2023 में दिल्ली की हवा सबसे साफ रही। हालांकि हम इस सुधार से अभी भी खुश नहीं हैं, हमें और सुधार करना है।

प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अगर हम एक्यूआई का रियल टाइम डाटा देखें तो दुनिया के टॉप 100 सबसे प्रदूषित शहरों में तीसरे नंबर पर मेरठ, आठवें नंबर पर वलसाड, 11वें नंबर पर अलवर, 13वें नंबर पर नवसारी, 14वें नंबर पर हापुड़, 22वें नंबर पर सोनीपत, 23वें नंबर पर करनाल, 24वें नंबर पर सूरत, 26वें नंबर पर गांधीनगर, 27वें नंबर पर गोरखपुर, 28वें नंबर पर मुजफ्फरनगर और 29वें नंबर पर थाणे है।

इसमें दिल्ली कहीं भी नहीं है। हम अक्सर एक ज्वाइंट एक्शन प्लान की मांग करते रहते हैं, पर यह आज तक हुआ नहीं है। दुर्भाग्य की बात है कि केंद्र में एक ऐसी सरकार बैठी है जो सिर्फ मन की बात करके चली जाती है। ज्वाइंट एक्शन प्लान में विश्वास नहीं रखती है।

उन्होंने कहा कि हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में दिल्ली वालों को पराली का प्रदूषण झेलना पड़ता है। पंजाब में ‘आप’ सरकार आते ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कई तरह से पराली का समाधान निकाला। नतीजन, 2021 के मुकाबले पिछले साल पराली का प्रदूषण काफी कम था। 2023 में हम सुनिश्चित करेंगे कि पराली का प्रदूषण पंजाब में 50 फीसद और कम हो। सीएक्यूएम रिपोर्ट में हमने पंजाब के 6 जिले शामिल किए, जहां पर जीरो फायर सुनिश्चित करेंगे। इसमें होशियारपुर, मलेरकोटला, पठानकोट, रूपनगर, एसएस नगर मोहाली और एसबीएस नगर शामिल हैं।

प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि जल संरक्षण के लिए पंजाब और हरियाणा ने धान और गेहूं को बोने और फसल काटने के समय को एक एक्ट के तहत निर्धारित किया हुआ है। भगवंत मान सरकार पिछले एक साल से युद्धस्तर पर जागरूकता अभियान चला रही है। इसमें 4000 वॉलिंटियर्स हैं, जो हमारे किसानों को जागरूक करने का काम करते हैं।

अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की सरकार ने इस बार दो तरह के तरीके अपनाए हैं, एक इनसीटू है और दूसरा एक्ससीटू है, जो मौके पर ही पराली का समाधान कर देंगे। इसमें बायो- डीकंपोजर और क्रॉप रेसिड्यू मशीनें शामिल हैं। ये मशीनें 1.7 लाख पहले ही मौजूद थीं, जहां पर उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, वहां पर भेजा गया। उसके बाद 24000 मशीनें और मंगाई गईं, जो अभी बांटी जा रही हैं। इस पर हमने 80 फीसद सब्सिडी दी है।

चावल की पूसा गुणवत्ता 44 थी, भगवंत मान सरकार ने इस गुणवत्ता के चावल पर बैन लगा दिया, क्योंकि इसका मेच्योरिटी पीरियड काफी लंबा होता था और इसमें पानी की खपत भी बहुत ज्यादा लगती थी। साथ ही एक्ससीटू के तहत पराली आधारित इंडस्ट्रीज में हमने 15 बॉयलर यूनिट्स को पैडी देना शुरू किया। पंजाब के ईटों के भट्ठों पर अनिवार्य कर दिया गया है कि 20 फीसद पैडी इस्तेमाल की जाएगी।

हमने एचपीसीएल से टाइ कर लिया है, जो 50,000 टन पैडी लेगा। यह पैडी इथेनॉल बनाने के काम आएगी। इसी प्रकार से गुजरात और राजस्थान से भी बात हो रही है कि वह पैडी लेकर चारे में उपयोग करें। ये बात लोकल के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी हो रही है।

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